×

Top News: चीन ने माना गलवन हिंसा में मारे गए थे उसके सैनिक, भारत के SFF ने उड़ाई नींद

Alka Kumari

दिल्ली 18 Sep, 2020 07:31 pm

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार में कोसी नदी पर बने रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित किया. वहीं, बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में 30 सितंबर को आने वाले फैसले के पहले बाबरी के पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस विवाद में सभी आरोपियों को बरी किए जाने की अपील की है. वहीं, बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी अकाली दल ने NDA से अलग होने का एलान कर दिया है. अकाली दल से केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्विटर पर अपने इस्तीफ़े की घोषणा की. दूसरी तरफ 14 जून से शुरू हुआ भारत-चीन विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. भारत और चीन की सेना के बीच लद्दाख में एलएसी पर शुरू हुआ संघर्ष  अब भी जारी है. चीन की सेना ने लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी हिस्से में अड्डा बनाना शुरू कर दिया है. यह क्षेत्र भारत के सामरिक महत्व के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है. चीन ने पहली बार माना है कि भारतीय सेना के साथ गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसा में उसके सैनिकों की मौत हुई थी, लेकिन उसकी संख्‍या नहीं बताई. पढ़ें दिनभर की बड़ी खबरें

1.बिहार को एक और सौगात, पीएम मोदी ने कोसी नदी पर बने रेल महासेतु राष्ट्र को समर्पित किया
बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले सभी रुकी हुई परियोजनाओं का शिलान्‍यास और उद्घाटन हो जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज बिहार में कोसी नदी पर बने रेल महासेतु को राष्ट्र को समर्पित किया. दोपहर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिए पीएम मोदी ने इस रेलवे पुल का उद्घाटन किया. इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार में बारह अन्य रेलवे प्रोजेक्ट की भी शुरुआत की. इससे बिहार के मुसाफिरों को काफ़ी लाभ होगा. कोसी नदी पर बने रेलवे पुल का उद्घाटन बिहार के इतिहास का महत्वपूर्ण अवसर है. इससे बिहार को ही नहीं, पूरे पूर्वोत्तर भारत को लाभ होगा. 2003-04 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में इस कोसी मेगा रेलवे ब्रिज की योजना को मंज़ूरी दी गई और 17 वर्षों बाद ये प्रोजेक्ट पूरा हुआ. क़रीब 1.9 किलोमीटर लंबा ये रेलवे पुल 516 करोड़ की लागत से तैयार किया गया है. भारत और नेपाल की सीमा के पास होने के कारण इस पुल का सामरिक महत्व भी है. इस पुल का निर्माण कार्य कोविड-19 की महामारी के दौरान भी जारी रहा था और इस दौरान अप्रवासी मज़दूरों ने भी निर्माण कार्य में बहुमूल्य योगदान दिया था.

2. अयोध्या बाबरी विध्वंस के आरोपियों को दोषमुक्त किए जाने की मांग, 30 सितंबर को फैसला
बाबरी ढांचा विध्वंस मामले में 30 सितंबर को आने वाले फैसले के पहले बाबरी के पक्षकार इकबाल अंसारी ने इस विवाद में सभी आरोपियों को बरी किए जाने की अपील की है. उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बाबरी ढांचा विध्वंस केस (Babri Masjid Case) में सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाने वाली है. सीबीआई की कोर्ट इस संदर्भ में आदेश जारी कर सभी आरोपियों को फैसले के दिन कोर्ट में मौजूद रहने को कहा है. कोर्ट की तरफ से बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत अन्य आरोपियों को नोटिस भेजा गया है. राम मंदिर के पक्ष में फैसला आने के बाद मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो गया है. वहीं दूसरी तरफ 2 दिसंबर 1992 में रामजन्मभूमि परिसर में गिराए गए विवादित ढांचे को लेकर अदालत में चल रहा मामला भी अब अंतिम दौर में है. 30 सितंबर को सीबीआई की स्पेशल बेंच इस मामले पर अपना फैसला सुनाने जा रही है. इस फैसले से पहले बाबरी पक्षकार इकबाल अंसारी ने सभी आरोपियों को बरी करने की सीबीआई से मांग की है. इकबाल अंसारी के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या विवाद को लेकर अपना फैसला सुना दिया है ऐसे में अब हिंदू मुस्लिम के बीच कोई नया विवाद न हो इसलिए सीबीआई की अदालत को बाबरी विध्वंस मामले को भी समाप्त कर देना चाहिए और सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर देना चाहिए.

3.NDA से अलग हुआ अकाली दल, सिमरत कौर बादल ने दिया इस्‍तीफा
बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी अकाली दल ने NDA से अलग होने का एलान कर दिया है. अकाली दल से केंद्र की मोदी सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने ट्विटर पर अपने इस्तीफ़े की घोषणा की.  दरअसल, हरसिमरत कौर बादल के पति और अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा था कि उनकी पार्टी केंद्र द्वारा लाए गए खेती संबंधी नए विधेयकों से सहमत नहीं है और इसीलिए उसने सरकार से अलग होने का फ़ैसला किया है. इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अकाली दल को चुनौती दी थी कि अगर वो किसानों के इतने बड़े हिमायती हैं, तो केंद्र सरकार में मंत्री पद क्यों नहीं छोड़ देते.
17 सितंबर की सुबह 10 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक कार्यक्रम की तस्‍वीर शेयर करते हुए उनके जन्‍मदिन की शुभकामनाएं दी थी. अपने ट्वीट में हरसिमरत कौर बादल ने लिखा था, 'हमारे माननीय पीएम श्री को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं. भारत को #Atamnirbhar बनाने के आपके अथक प्रयास और समर्पण हम सभी के लिए प्रेरणादायी हैं. हमारे देश को सर्वाधिक ऊंचाइयों पर ले जाने के आपके दृष्टिकोण तथा आपके अच्छे स्वास्थ्य और सफलता की कामना करती हूं.'

4. भारत की स्पेशल फ्रंटियर फोर्स से उड़ी चीन की नींद
14 जून से शुरू हुआ भारत-चीन विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. भारत और चीन की सेना के बीच लद्दाख में एलएसी पर शुरू हुआ संघर्ष अब भी जारी है. चीन की सेना ने लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे तक घुसपैठ की कोशिश कर रहा था. लेकिन उससे पहले ही भारतीय सेना की स्‍पेशल फ्रंटियर फोर्स (SFF) के 'विकास' रेजिमेंट ने चीन को खदेड़ दिया. यह क्षेत्र भारत के सामरिक महत्व के लिहाज से अत्यंत संवेदनशील है. आपको बता दें कि SFF की खास बात यह है कि इसमें हिन्दुस्तान में रह रहे तिब्बती समुदाय के जवान भर्ती होते हैं. चीन से निपटने के लिए ही इस फोर्स का गठन किया गया था. LAC पर टेंशन बढ़ते ही तो भारत ने पैंगोंग इलाके में अहम कुछ पॉइंट्स पर SFF की तैनात कर दी थी. चीन ने 29-30 अगस्त की रात जब भारतीय इलाके में घुसपैठ की कोशिश की, तब SFF ने चीनी सैनिकों को खदेड़ दिया. उधर, पिछले सप्ताह विदेश मंत्री स्तर की बातचीत में चीन ने पांच सूत्रीय संधि की बात मानी थी, जिसमें स्थिति को हर कीमत पर बातचीत के द्वारा तय करने पर सहमति जताई गई थी. लेकिन लगता नहीं है कि चीन कि मंशा ठीक नहीं है, क्योंकि उसने अब कहा है कि वह एक इंच भी नहीं पीछे हटेगा. यानी इसे युद्ध की चुनौती समझना गलत नहीं होगा. वही भारतीय संसद में देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी संसद को चीन की सोच से अवगत करा दिया है और यह भी विश्वास दिलाया है कि भारत की स्थिति मजबूत है. हम युद्ध के लिए तैयार हैं, जबकि शांति से बेहतर कोई विकल्प नहीं है.

5. चीन ने माना- गलवन हिंसा में मारे गए थे उसके सैनिक, भारत पर लगाया आरोप
चीन ने पहली बार माना है कि भारतीय सेना के साथ गलवान घाटी (Galwan Valley) में हुई हिंसा में उसके सैनिकों की मौत हुई थी, लेकिन उनकी संख्‍या नहीं बताई. चीन के सरकारी अखबार ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हूँ शिजिन ने सैनिकों की मौत पर चुप्‍पी तोड़ते हुए दावा किया है कि इस हिंसा में भारत के मुकाबले कम चीनी सैनिकों की मौत हुई थी. बता दें कि ग्लोबल टाइम्स चीन के पीपुल्स डेली का अंग्रेजी अखबार है, जो चीन की सत्ताधारी पार्टी चाइनीज़ कम्युनिस्ट पार्टी का ही पब्लिकेशन है. ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर ने कहा कि जहां तक मुझे पता है, 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की भारत के 20 सैनिकों के मुकाबले कम मौत हुई थी. किसी भी चीनी सैनिक को भारत ने पकड़ा नहीं था, जबकि पीएलए ने उस दिन कई भारतीय सैनिकों को पकड़ लिया था. शिजिन ने आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने बिना किसी चेतावनी के उन पर हमला कर दिया, जिसके बाद झड़प हुई.

Top News:देखें दिनभर की बड़ी खबरें

  • \
Leave Your Comment