उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की शिकार 20 वर्षीय दलित युवती की बीते रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने सोमवार को दिल्ली में भाजपा (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की. उधर, बुधवार को अनलॉक 4 की सीमा समाप्त हो रही है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि मंगलवार को गृह मंत्रालय की ओर से अनलॉक 5 की गाइडलाइन्स का ऐलान किया जा सकता है. दूसरी तरफ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के बयान ने सबको चौंका दिया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि संसद के अगले सत्र में कांग्रेस के संसदीय नेतृत्व में बदलाव देखने को मिल सकता है. बता दें कि आजाद ने कांग्रेस के 23 नेताओं के साथ मिलकर कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से संगठन में बड़े बदलाव की मांग वाली एक चिट्ठी लिखी थी. उधर, उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की अदालत में शुक्रवार को दाखिल किए गए श्रीकृष्ण जन्मस्थान से संबंधित मामले की सुनवाई अब बुधवार को की जाएगी. पढ़ें दिनभर की बड़ी खबरें
1. हाथरस 'गैंगरेप' पीड़िता की दिल्ली में मौत, विपक्षियों के निशाने पर योगी सरकार
उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप की शिकार 20 वर्षीय दलित युवती की बीते रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. हाथरस में बच्ची के साथ गैंगरेप किया गया था. गैंगरेप के बाद आरोपियों ने उसकी जीभ काट दी थी. इतना ही नहीं उसकी रीढ़ की हड्डी भी तोड़ दी थी. घटना के नौ दिनों के बाद बच्ची होश में आई और तब उसने अपने साथ हुई वारदात को इशारों में बताया था. लेकिन पीड़िता ने 15 दिन बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पीड़िता की मौत के बाद से ही जनता के बीच आक्रोश देखने को मिल रहा है. उधर, यूपी में बढ़ते रेप मामले पर अब सियासत तेज हो गई है. विपक्षी पार्टियों ने सीधे योगी सरकार को निशाने पर लिया है. प्रियंका गांधी ने लगातार दो ट्वीट किए. उन्होंने योगी सरकार को निशाने पर लिया और लिखा, "यूपी में कानून व्यवस्था हद से ज्यादा बिगड़ चुकी है. महिलाओं की सुरक्षा का नाम-ओ-निशान नहीं है. अपराधी खुले आम अपराध कर रहे हैं. इस बच्ची के क़ातिलों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए. सीएम योगी आदित्यनाथ उप्र की महिलाओं की सुरक्षा के प्रति आप जवाबदेह हैं." वहीं, यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, "हाथरस की गैंग रेप एवं दरिंदगी की शिकार एक बेबस दलित बेटी ने आख़िरकार दम तोड़ दिया. नम आंखों से पुष्पांजलि! आज की असंवेदनशील सत्ता से अब कोई उम्मीद नहीं बची." बहुजन समाज पार्टी की चीफ मायावती ने ट्वीट किया, "यूपी के हाथरस में गैंगरेप के बाद दलित पीड़िता की आज हुई मौत की खबर अति-दुःखद. सरकार पीड़ित परिवार की हर संभव सहायता करे व फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाकर अपराधियों को जल्द सजा सुनिश्चित करे, बीएसपी की यह मांग है.' बता दें कि सियासत से इतर आम जनता भी लगातार बढ़ रहे रेप के मामले से काफी नाराज है. पीड़िता को न्याय दिलाने की मांग तेज हो गई है.
2. सीटों के बंटवारे पर BJP-LJP में बातचीत, 42 सीटें चाहती है एलजेपी, भाजपा ने दिया ये ऑफर
बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) की तारीखों की घोषणा की जा चुकी है. साथ ही सियासी सरगर्मी भी बढ़ती जा रही है. लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) की एनडीए से अनबन की खबरें भी खूब चर्चा में रहीं. दोनो पार्टियों की सीटों पर हो रही असहमती को देखते हुए कई तरह के कयास लगाए जा रहे थें. लेकिन चिराग पासवान ने सोमवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) से मुलाकात की. इसके बाद से उनके एनडीए (NDA) में बने रहने की बात पक्की मानी जा रही है. हालांकि सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक कोई अंतिम सहमति नहीं बन सकी है. लेकिन भाजपा ने एलजेपी को एनडीए में अब विधानसभा की 27, विधान परिषद की दो सीटें और राज्य सभा की एक सीट का ऑफर दिया है. 27 की पूरी लिस्ट में लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान का लोकसभा क्षेत्र जमुई और सिकंदरा भी शामिल है. वहीं, सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान की अगुवाई वाली एलजेपी 42 सीटें चाहती है या फिर 32 सीटें, दो MLC और यूपी से एक राज्यसभा सीट दिए जाने की मांग रखी है. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से फिलहाल 27 विधानसभा सीटों और दो एमएलसी सीटों की पेशकश की गई है.
3. Unlock 5.0 Guidelines: जानिए ट्रेन, सिनेमा हॉल, स्कूल के साथ क्या-क्या खुलने के हैं आसार
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 24 मार्च से शुरू हुआ देशव्यापी लॉकडाउन चरणों में लागू होने के बाद जुलाई महीने से चरण दर चरण हटने लगा. हालांकि संक्रमण की संख्या में लगातार वृद्धी हो रही है. लेकिन खराब होती अर्थव्यवस्था का देखते हुए अनल़ॉक के जरिये सरकार एक बार फिर देश को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही है. अनलॉक के चार चरणों में अब तक मॉल, सैलून, रेस्तरां, जिम जैसी सार्वजनिक जगहें खोली जा चुकी हैं. अनलॉक चार के तहत जारी पिछली गाइडलाइंस में 9वीं से 12वीं कक्षा के बच्चों को सशर्त स्कूल जाने, जिम, योगा सेंटर जैसे स्थानों को खोलने की छूट मिल गई थी. लेकिन अब बुधवार को अनलॉक 4 की सीमा समाप्त हो रही है. ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि मंगलवार को गृह मंत्रालय की ओर से अनलॉक 5 की गाइडलाइन्स का ऐलान किया जा सकता है. वहीं, Unlock 5.0 Guideline में ट्रेन, सिनेमा हॉल, स्कूल और कॉलेज खोले जा सकते हैं.
4. कांग्रेस के संसदीय नेतृत्व में आ सकता है बदलाव, आजाद के भाषण से मिले संकेत
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के बयान ने सबको चौंका दिया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि संसद के अगले सत्र में कांग्रेस के संसदीय नेतृत्व में बदलाव देखने को मिल सकता है. दरअसल, पिछले हफ्ते राज्यसभा को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने से एक दिन पहले सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा था, "सदन में यह मेरा आखिरी भाषण हो सकता है." इससे पहले आजाद ने कांग्रेस के 23 नेताओं के साथ मिलकर कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से संगठन में बड़े बदलाव की मांग वाली एक चिट्ठी लिखी थी. इस पत्र के बाद काफी बवाल मचा था. आजाद ने सदन में कहा कि अगर कोरोना महामारी 5 महीने से ज्यादा चली तो वह फिर सदन में नहीं दिखेंगे. आजाद के बयान के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को आजाद की जगह विपक्ष का नेता बनाया जा सकता है. खड़गे को जून में राज्यसभा भेजा गया था. कई लोग खड़गे के नामांकन को आजाद के पत्र लिखने से भी जोड़कर देख रहे थे. आपको बता दें कि गुलाम नबी आजाद उन नेताओं में सबसे प्रमुख हैं जो गांधी परिवार के नेतृत्व पर सवाल उठाते रहे हैं. इस बार जब आजाद ने कांग्रेस पार्टी के आंतरिक चुनाव करवाने और पूर्णकालिक पारदर्शी नेतृत्व की मांग वाली चिट्ठी सोनिया गांधी को लिखी थी तब एक महीने बाद उन्हें महासचिव पद से हटा दिया गया था. हालांकि वह अभी कांग्रेस कार्य समिति का हिस्सा हैं.
5. श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले में 30 को मथुरा में सुनवाई, शाही ईदगाह हटाने की मांग
उत्तर प्रदेश के मथुरा जनपद की अदालत में शुक्रवार को दाखिल किए गए श्रीकृष्ण जन्मस्थान से संबंधित मामले की सुनवाई अब बुधवार को की जाएगी. इस बीच पिछले हफ्ते मामला दाखिल किए जाने के बाद से मंदिर ईदगाह परिसर की सुरक्षा और कड़ी कर दी गई है. अदालत में भी आज भारी पुलिस बल तैनात रहा. आपको बता दें कि याचिका में कहा गया है कि वर्ष 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने मंदिर के परिसर में स्थित शाही ईदगाह मस्जिद की प्रबंध समिति के साथ जो समझौता किया था, वह कानूनी रूप से गलत है क्योंकि, सेवा संस्थान जब 13.37 एकड़ भूमि का मालिक ही नहीं था तो उसे किसी व्यक्ति अथवा संस्था के साथ इस प्रकार कोई भी करार करने का अधिकार नहीं था. यह समझौता अदालत द्वारा 20 जुलाई 1973 को किया गया था. वादियों द्वारा याचिका में इस करार को निरस्त करते हुए शाही ईदगाह वाली भूमि को मुक्त कराने और इसे विराजमान ठा. श्रीकृष्ण को सौंपने का आदेश देने का अनुरोध किया गया है. इस मामले में शाही ईदगाह ट्रस्ट मैनेजमेंट कमेटी, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मस्थान ट्रस्ट व श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान को पक्षकार बनाया गया है. याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं हरीशंकर जैन और विष्णु शंकर जैन की ओर से बताया गया कि इस मामले में आज सुनवाई होनी थी. परंतु, वादियों के अदालत में समय पर उपस्थित नहीं हो पाने के कारण अब बुधवार को सुनवाई होगी.
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