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TOP NEWS: कंगना के दफ्तार पर चला BMC का बुलडोजर

Alka Kumari

दिल्ली 10 Sep, 2020 01:57 pm

बीमएसी ने कंगना रनौत के दफ्तर पर आज बुलडोजर चला दिया. बीएमसी की टीम बुलडोजर और जेसीबी मशीने लेकर बांद्रा के पाली हिल बंगले पर पहुंची और उनके दफ्तर में कथित अवैध ढांचे को गिरा दिया.  एक्ट्रेस कंगना रनौत के मुंबई स्थित दफ्तर को तोड़े जाने के बाद नाराज एक्‍ट्रेस लगातार कई ट्वीट करती रहीं. उन्होंने लिखा, "यह मेरे लिए एक इमारत नहीं, राम मंदिर ही है. आज वहां बाबर आया है." उधर, चीन की ओर से लगातार झूठा एजेंडा चलाए जाने की कोशिश की जा रही है. ग्लोबल टाइम्स सीमा की स्थिति को लेकर लगातार झूठ फैला रहा है. वहीं, अनलॉक की प्रक्रिया के तहत 21 सितंबर से पूरे देश में स्कूल खुलने जा रहे हैं. केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 के तहत जो गाइडलाइन जारी की थी, उसके तहत कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अपनी इच्छा से स्कूल आने की इजाज़त होगी. वहीं, दूसरी तरफ कोरोना काल में देशभर के 4.5 करोड़ लोगों के परिवार के लिए राहत भरी खबर है. अब किसी भी ईपीएफ सदस्य की अचानक मौत पर नॉमिनी को इश्योरेंस के 7 तक लाख रुपये मिलेंगे. पढ़ें दिनभर की बड़ी खबरें...

1. कंगना के दफ्तर पर बीमएसी ने चलाया बुलडोजर, हाईकोर्ट ने लगाई रोक
मुंबई को पाक अधिकृत कश्मीर बोलना कंगना को अब भारी पड़ रहा है. दरअसल, कंगना के मुंबई पहुंचने से पहले ही मंगलवार को बीएमसी द्वारा उनके ऑफिस (मणिकर्णिका फिल्म्स) पर अवैध निर्माण का नोटिस लगाने के बाद बुधवार को बीएमसी ने इसे तोड़ने की प्रक्रिया शुरू की. इस दफ्तर को गिराने का काम सुबह 11 बजे के कुछ देर बाद शुरू हुआ था. बीएमसी की टीम बुलडोजर और जेसीबी मशीने लेकर बांद्रा के पाली हिल बंगले पर पहुंची और कंगना के दफ्तर में कथित अवैध ढांचे को गिरा दिया. बता दें कि बीएमसी ने जवाब देने के लिए कंगना को 24 घंटे का समय दिया था. इस बीच कंगना रनौत ने बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. कंगना की याचिका पर सुनवाई करते हुए बॉम्‍बे हाई कोर्ट ने बीएमसी की तोड़फोड़ वाली कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है और बीएमसी से इस याचिका पर जवाब देने को कहा है. हालांकि कोर्ट के आदेश से पहले बीएमसी ने कंगना रनौत के दफ्तर को तोड़ दिया था. इससे एक दिन पहले बीएमसी ने कंगना के दफ्तर का दौरा कर अवैध निर्माण किए जाने का नोटिस चिपकाया था और आज फिर से नोटिस चिपकाने के बाद उसके दफ्तर को तोड़ दिया. 

2. महाराष्‍ट्र सरकार पर फूटा कंगना का गुस्‍सा, कहा- "आज बाबर आया है"
एक्ट्रेस कंगना रनौत के मुंबई स्थित दफ्तर को तोड़े जाने के बाद नाराज कंगना ट्विटर पर लगातार कई ट्वीट करती रही उन्होंने लिखा है, "जैसे ही मैं मुंबई जाने के लिए एयरपोर्ट रवाना हुई, महाराष्ट्र सरकार और उनके गुंडों ने अवैध तरीके से मेरी प्रॉपर्टी को तोड़ना शुरू कर दिया. मैंने महाराष्ट्र के गौरव के लिए अपना खून देने का वादा किया है. यह कुछ भी नहीं है, सबकुछ ले लो. लेकिन मेरा साहस हमेशा बढ़ेगा."
कंगना ने एक अन्य ट्वीट में अपने ऑफिस को राम मंदिर और बीएमसी को बाबर कहा. उन्होंने लिखा है, "मणिकर्णिका फिल्म्स में पहली फिल्म 'अयोध्या' की घोषणा हुई. यह मेरे लिए एक इमारत नहीं, राम मंदिर ही है. आज वहां बाबर आया है. आज इतिहास फिर खुद को दोहराएगा. राम मंदिर फिर टूटेगा, मगर याद रख बाबर यह मंदिर फिर बनेगा यह मंदिर फिर बनेगा. जय श्री राम , जय श्री राम , जय श्री राम."
इसके बाद एक अन्य ट्वीट में उन्होंने मुंबई पुलिस के जवानों को बाबर की सेना बताया. उन्होंने बीएमसी की टीम और मुंबई पुलिस की फोटो साझा करते हुए लिखा है, "बाबर और उसकी सेना." वहीं, एक ट्वीट में टूटे हुए ऑफिस की इनसाइड फोटो साझा कर उन्होंने मुंबई की तुलना पाकिस्तान से कर दी. उन्होंने लिखा है, "पाकिस्तान...लोकतंत्र की हत्या." खबरों के मुताबिक, कंगना ने यह तीन मंजिला इमारत कुछ साल पहले खरीदी थी.

3. LAC पर फायरिंग को लेकर चीन फैला रहा झूठ, भारत ने सुनाई खरी-खरी 
भारत और चीन सीमा विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. वहीं चीन की ओर से लगातार झूठा एजेंडा चलाए जाने की कोशिश की जा रही है. ग्लोबल टाइम्स सीमा की स्थिति को लेकर लगातार झूठ फैला रहा है. पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर भारतीय सेना की ओर से फायरिंग वाले चीनी दावे को भारत सरकार ने झुठला दिया. चीन एलएसी पर खुद फायरिंग करके भारतीय सेना पर आरोप लगा रहा है, मगर भारत ने एक बार फिर से चीन के झूठ से पर्दा हटा दिया है. भारत ने बयान जारी कर कहा कि पीएलए के जवानों ने उकसावे की कार्रवाई की है. भारत ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि भारतीय सेना ने एलएसी यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर फायरिंग नहीं की और न ही  उसे पार किया. चीनी प्रोपगेंडा का भारत हर स्तर पर माकूल जवाब दे रहा है. चीनी पीएलए के झूठ का पर्दाफाश करने के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को लेकर चीनी मीडिया की झूठी रिपोर्ट का विदेश मंत्रालय ने खंडन किया है. साथ ही इस तरह की रिपोर्ट से बचने की भी सलाह दी है. विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है, "हमने चीनी मीडिया में कुछ आर्टिकल देखे हैं, जिसमें एनएसए अजित डोभाल को लेकर बात की जा रही है. हम साफ करना चाहते हैं कि ये सभी रिपोर्ट पूरी तरह से गलत हैं, ऐसे में इस तरह की खबरों से बचने की अपील करते हैं." दरअसल, चीनी मीडिया ने अपनी कुछ रिपोर्ट में दावा किया है कि अजित डोभाल की ओर से ही माहौल को गर्माने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए अजित डोभाल के कथित बयान का हवाला दिया गया है कि उन्होंने कहा था कि भारत बॉर्डर पर एक लॉन्ग हॉल के लिए तैयार है.

4.  21 सितंबर से पूरे देश में स्कूल खुलने जा रहे हैं
अनलॉक की प्रक्रिया के तहत 21 सितंबर से पूरे देश में स्कूल खुलने जा रहे हैं. केंद्र सरकार ने अनलॉक-4 के तहत जो गाइडलाइन जारी की थी, उसके तहत कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को अपनी इच्छा से स्कूल आने की इजाज़त होगी. स्‍कूल शुरू करने का मकसद है कि स्‍टूडेंट्स अपने टीचर्स से पढ़ाई के लिए गाइडेंस ले सकें. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए गाइडलाइन्स जारी कर दी हैं. जैसे कि- 

स्कूल खुलने के बावजूद सभी स्कूल ऑनलाइन पढ़ाई को बढ़ावा देते रहेंगे. 
छात्रों के स्कूल आने से पहले सभी कक्षाओं, लैब और प्रशासनिक एरिया की सोडियम हाइड्रोक्लोराइट सॉल्यूशन से सफाई करनी होगी. 
जिन स्कूलों में क्वारंटीन सेंटर बनाए गए थे, वहां छात्रों के आने से पहले पूरी तरह से साफ-सफाई करनी होगी. 
इसके अलावा स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई के लिए 50 प्रतिशत टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को बुलाया जा सकेगा. 
स्कूलों में हाज़िरी के लिए बायोमेट्रिक सिस्टम का प्रयोग नहीं किया जाएगा. 
मौसम अगर इजाज़त दे तो क्लासरूम से बाहर कक्षाएं चलाई जानी चाहिए.
पढ़ाई के लिए इस्तेमाल होने वाली चीज़ें जैसे कि डस्टर, कंप्यूटर, लैपटॉप वग़ैरह को एल्कोहल वाइप से साफ करना होगा. 
छात्रों को बताना होगा कि वो छुट्टी के बाद भी किसी जगह इकट्ठे न हों. इसमें ख़तरा है.
कोई छात्र या अध्यापक बीमार पड़े तो उसे फौरन अलग कमरे में ले जाना होगा. 
फिर उसे सबसे नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र या अस्पताल ले जाना होगा. 
अगर वो व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकलता है, तो वहां मौजूद सभी लोगों को डिसइन्फेक्ट करना होगा.

5.EPF सदस्‍यों को बड़ी राहत, अब नॉमिनी को मिलेंगे इतने पैसे
कोरोना काल में देशभर के 4.5 करोड़ लोगों के परिवार के लिए राहत भरी खबर है. अब किसी भी ईपीएफ सदस्य की अचानक मौत पर नॉमिनी को इश्योरेंस के 7 तक लाख रुपये मिलेंगे. अभी 6 लाख रुपये तक ही दिए जाते थे. ईपीएफओ की पेंशन-ईडीएलआई कमेटी ने इसे मंजूरी दे दी है. इसके साथ ही पेंशन स्कीम 1995 की जगह नई स्कीम लाने की तैयारी शुरू की गई है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने अंशधारक की बीमारी, दुर्घटना, असामायिक या स्वाभाविक मौत पर 1976 से इम्प्लॉयज डिपॉजिट लिंक्ड इन्श्योरेंस स्कीम शुरू कर रखी है. इस संबंध में ईपीएफओ केंद्रीय न्यासी बोर्ड के सदस्य हरभजन सिंह ने बताया कि पेंशन कमेटी ने नए फैसले को मंजूरी दे दी है. हाई पॉवर कमेटी गठित कर दी गई है. औपचारिक मुहर बुधवार को सीबीटी की बैठक में लगेगी. न्यूनतम इंश्योरेंस की धनराशि ढाई लाख ही रहेगी

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I again clarify, for the reason time and again being asked by the media to me on whether I feel it's a murder or suicide? I have never said it's a murder or anyone in particular is responsible. I always have encouraged justice for my late friend SSR and stood by the bereaved family and truth should be brought out by the investigating agencies. Being a Maharashtrian and an Indian citizen, I have total faith in the Maharashtra State Govt/Police & Central Government instrumentalities. Though when some lingos like "Sautan" and "widow" were used for me, which is in public knowledge. I never responded to it. I only came forward to narrate about SSR and his mental health till 2016. Dear Haters! Let us assume you must have known in and out about your friend and whats going on in her life and relationship. Glad to see you wake up finally, but I wish you would have woken up sooner and advised your friend not to support any kind of drug abuse by SSR if any. When she very well knew about his mental state by publicly stating that he was in depression. Should she have allowed a depressed man to consume drugs? How is that going to help? His condition would deteriorate to a level that would make a man take the action that SSR has allegedly taken. She was the closest person to him at that time. On one hand, she says she was coordinating with all the doctors for his betterment of health on request of SSR, and on the other hand, she was coordinating drug logistics for him. Would anyone, who claims to have loved someone so deeply, allow the other person to consume drugs claiming to know his mental state and condition? Would you do that? I don't think anyone would. So how can it not be seen as an act of carelessness and irresponsibility? As per her, she informed his family about his ongoing treatment but did she ever inform them about his drug consumption? I am sure she didn't because maybe she, herself, enjoyed consuming it. And this is why I feel it's Karma/Fate. Little advice for the unknown."You guard your friend and I am standing by the family". But let us maintain civility by not coming on to each other personally, either directly or indirectly.

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