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TOP NEWS: मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि के पास से मस्जिद हटाने की मांग,कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेसियों ने दिल्‍ली में ट्रैक्‍टर जलाया.

Alka Kumari

दिल्ली 28 Sep, 2020 06:46 pm


संसद से कृषि बिल को ध्‍वनिमत से पास कर दिये जाने पर विपक्षी पार्टियां नाराज है. देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच देश की राजधानी के सबसे संवेदनशील इलाका माने जाने वाले इंडिया गेट पर करीब 15-20 लोगों ने सोमवार सुबह एक ट्रैक्टर में आग लगा दी. महाराष्ट्र में अचानक सियासी माहौल बेहद गर्म हो गया है. शनिवार को शिवसेना के प्रवक्ता और पार्टी मुखपत्र सामना के संपादक संजय राउत ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मुलाक़ात की. दोनों नेताओं की ये मीटिंग एक होटल में बेहद गुपचुप तरीक़े से हुई थी. लोकसभा चुनाव से पहले NDA का दामन छोड़कर महागठबंधन में जाने वाले RLSP नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) दोबारा NDA में वापसी कर सकते हैं. श्रीकृष्ण के भक्तों ने भी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में बने शाही ईदगाह मस्जिद को वहां से हटाने की मांग की है. इस मामले में मथुरा जिला सिविल न्यायालय में याचिका दायर की गई है. कंगना के खिलाफ किसानों के अपमान का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया गया है. इसमें कहा गया है कि कंगना रणौत ने कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों का ट्वीट करके अपमान किया. पढ़ें दिनभर की बड़ी खबरें: 

1. कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेसियों ने दिल्‍ली में ट्रैक्‍टर जलाया

संसद से कृषि बिल को ध्‍वनिमत से पास कर दिये जाने पर एक तरफ जहां विपक्षी पार्टियां नाराज है. वहीं बीते रविवार पास हो चुके कृषि बिलों पर राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी हस्ताक्षर कर इसे कानून बनाने की सहमति दे दी है. कृषि क्षेत्र से जुड़े इन बदलावों का विपक्षी दलों से लेकर किसान तक विरोध कर रहे हैं. दिल्‍ली समेत देश के कई हिस्‍सों में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं. रविवार को भी देश के कई हिस्सों में किसानों व राजनीतिक दलों ने कृषि कानून के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन सोमवार को भी जारी है. इस बीच देश की राजधानी के सबसे संवेदनशील इलाका माने जाने वाले इंडिया गेट पर करीब 15-20 लोगों ने सोमवार सुबह एक ट्रैक्टर में आग लगा दी. जिसके बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंच आग बुझाई. वहीं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसे 'कांग्रेस का नाटक' करार दिया है. दूसरी तरफ, कर्नाटक में किसान संगठनों ने आज बंद बुलाया है. वहीं पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह आज शहीद भगत सिंह नगर में कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठेंगे. बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को तीन कृषि विधेयकों को मंजूरी दी. ये विधेयक हैं-  किसान उपज व्‍यापार एवं वाणिज्‍य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्‍य आश्‍वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्‍यक वस्‍तु (संशोधन) विधेयक, 2020.

2. महाराष्ट्र की सत्ता में हलचल से बाहर होगी कांग्रेस? राउत से मुलाकात पर फड़णवीस ने कही ये बात

महाराष्ट्र में अचानक सियासी माहौल बेहद गर्म हो गया है. शनिवार को शिवसेना के प्रवक्ता और पार्टी मुखपत्र सामना के संपादक संजय राउत ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस से मुलाक़ात की. दोनों नेताओं की ये मीटिंग एक होटल में बेहद गुपचुप तरीक़े से हुई थी. हालांकि, बाद में संजय राउत ने ख़ुद इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि वो देवेंद्र फड़णवीस से तमाम विषयों पर चर्चा के लिए मिले थे. राउत ने कहा कि शिवसेना और बीजेपी की विचारधाराएं भले ही अलग हों, लेकिन दोनों दल दुश्मन नहीं हैं. राउत ने इस मीटिंग के बारे में कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को उनकी और फड़णवीस की मुलाक़ात की जानकारी थी. संजय राउत ने कहा कि चूंकि, फड़णवीस राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं और वो बीजेपी के बिहार चुनाव प्रभारी भी हैं, इसलिए वो फड़णवीस से मिले थे. लेकिन खबरों की माने तो, राउत-फड़णवीस मुलाकात को लेकर कांग्रेस और एनसीपी के बीच नाराजगी है. इन दोनों नेताओं की मुलाकात के अलावा रविवार को ही महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष बालासाहेब थोराट, एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच भी मुंबई में एक मीटिंग हुई. राउत और फडणवीस की मीटिंग से नाराज कांग्रेस और एनसीपी के बड़े नेताओं ने सीएम उद्धव ठाकरे के आधिकारिक आवास वर्षा में करीब 2 घंटे तक एक बैठक की. बहरहाल संजय राउत और देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात ने महाराष्ट्र की राजनीति में तमाम तरह की अटकलों को जन्म दे दिया है. दोनों दलों के नेता पिछले साल हुए चुनावों के बाद पहली बार एक दूसरे से मिले हैं.

3. कुशवाहा की RLSP की होगी 'घर वापसी'

बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख तय कर दी गई है. चुनाव नजदीक आने के साथ ही सियासी फेरबदल ने भी तुल पकड़ना शुरू कर दिया है. खबर है लोकसभा चुनाव से पहले NDA का दामन छोड़कर महागठबंधन में जाने वाले RLSP नेता उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) दोबारा NDA में वापसी कर सकते हैं. आपको बता दें कि 2015 का विधानसभा चुनाव RLSP ने पीएम मोदी के नेतृत्व में NDA में रहकर ही लड़ा था. लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से अलग हो गए थे. तब उपेंद्र कुशवाहा ने नीतीश कुमार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए थे. नीतीश कुमार की एक व्यक्तिगत टिप्पणी से उपेंद्र कुशवाहा बहुत नाराज हो गए थे. वहीं जिस तरह से राज्य में सियासी घटनाक्रम बदल रहा है उससे चिराग के लिए मुश्किल बढ़ती जा रही है. बीजेपी के सूत्रों का भी कहना है कि एलजेपी का वोट शेयर 2005 के बाद लगातार घटा है. ऐसे में उनकी ज्यादा मांगे नहीं मानी जा सकती हैं. उधर, सूत्रों का कहना है कि एलजेपी के पास अब ज्यादा विकल्प नहीं है और अब वह सीटों को लेकर ज्यादा मोलभाव करने की स्थिति में नहीं हैं. हालांकि, चिराग ने अभी सीट बंटवारे पर चुप्पी साध रखी है.

4. मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में याचिका दाखिल, जानिए क्या है मामला 

दशकों से चले आ रहे राम मंदिर विवाद के खत्म होने के बाद अब श्रीकृष्ण के भक्तों ने भी मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर में मुगल शासक औरंगजेब के कार्यकाल में बने शाही ईदगाह मस्जिद को वहां से हटाने की मांग की है. इस मामले में मथुरा जिला सिविल न्यायालय में याचिका दायर की गई है, जिसकी सुनवाई होनी है. श्रीकृष्ण विराजमान की याचिका में 13 एकड़ से ज्‍यादा जमीन पर मालिकाना हक की मांग की गई है. अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने शुक्रवार को मथुरा की अदालत में दायर की गई याचिका में कहा है कि 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह प्रबंध समिति के बीच हुआ समझौता पूरी तरह से गलत है और भगवान कृष्ण व उनके भक्तों की इच्छा के विपरीत है. इसलिए उसे निरस्त किया जाए और मंदिर परिसर में स्थित ईदगाह को हटाकर वह भूमि मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी जाए. यह समझौता 1968 में श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और शाही ईदगाह मस्जिद के बीच हुआ था. समझौते के मुताबिक, मस्जिद जितनी जमीन में बनी है, बनी रहेगी. अब दलील दी गई है कि जिस जमीन पर मस्जिद स्थित है, वह श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के नाम पर है. ऐसे में उक्त समझौता गलत है.

5. कंगना रणौत के खिलाफ केस दर्ज, ट्वीट को आधार बनाकर लगाया गया किसानों के अपमान का आरोप

कंगना रनौत बीते कुछ महीनों से लगातार अपने ट्वीट्स की वजह से चर्चा में रह रही है. अब एक बार फिर अपने ट्वीट की वजह से कंगना लोगों के नाराजगी का शिकार हुई है. बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रणौत के खिलाफ कर्नाटक के एक कोर्ट में क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है. कंगना के खिलाफ किसानों के अपमान का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया गया है. इसमें कहा गया है कि कंगना रनौत ने कृषि बिल का विरोध कर रहे किसानों का ट्वीट करके अपमान किया. दरअसल कंगना ने एक ट्वीट में लिखा, "प्रधानमंत्री जी कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे गलतफहमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने की एक्टिंग करे, नासमझने की एक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फर्क पड़ेगा? ये वही आतंकी हैं CAA से एक भी इंसान की सिटिजनशिप नहीं गई मगर इन्होंने खून की नदियां बहा दी. हालांकि, बाद में सफाई देते हुए कंगना रनौत ने कहा कि उन्होंने किसानों का अपमान नहीं किया. उन्होंने ट्वीट में लिखा, "CAA को लेकर जो गलत सूचनाएं और अफवाह फैला रहे थे जिसके कारण दंगे हुए वही लोग अब किसान बिल को लेकर गलत सूचनाएं फैला रहे हैं और राष्ट्र में आतंक पैदा कर रहे हैं, वे आतंकवादी हैं. आप अच्छी तरह से जानते हैं कि मैंने क्या कहा लेकिन कुछ लोगों को गलत सूचना फैलाना पसंद है.

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