संसद के मॉनसून सत्र का आज दसवां दिन था और आज ही सरकार के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को निबटाने के बाद सत्र को स्थगित करने का फैसला लिया गया. वहीं, अब अनाज, दालें, तेल के बीज, खाने के तेल, और आलू-प्याज़ की गिनती आवश्यक वस्तुओं में नहीं होगी. राज्यसभा ने एसेंशियल कमोडिटीज़ एक्ट या आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) बिल को मंगलवार को ध्वनि मत से पास कर दिया. पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में दो कृषि विधेयकों के पारित होने के बाद विपक्षी दलों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. रविवार को हुए हंगामे के बाद सभापति वैंकेया नायडू ने विपक्ष के 8 सांसदों को पूरे मॉनसून सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया था, तब से विपक्ष के सभी पार्टियों ने लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया है. पिछले साल बिहार के पुलिस महानिदेशक बने DGP) गुप्तेश्वर पांडेय ने मंगलवार को अचानक वीआरएस ले लिया. वहीं, सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग्स ऐंगल पूछताछ के लिए जांच कर रहे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अब प्रोड्यूसर मधु मंटेना को पूछताछ के लिए बुलाया है. एक दिन पहले ही एनसीबी ने फिल्म निर्माता को समन भेजा था. पढें दिनभर की बड़ी खबरें:
1. राज्यसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित, कोविड-19 के कारण लिया गया फैसला
संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) का आज दसवां दिन था और आज ही सरकार के महत्वपूर्ण विधायी कार्यों को निबटाने के बाद सत्र को स्थगित करने का फैसला लिया गया. बता दें कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले ही राज्यसभा की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया. गृह राज्यमंत्री वी मुरलीधरन ने ये जानकारी देते हुए कहा कि देश में कोविड-19 के मामलों में तेजी से बढ़त देखी जा रही है और इसलिए सांसदों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला लिया जा रहा है. वहीं आज राज्यसभा में अर्हित वित्तीय संविदा द्विपक्षीय नेटिंग विधेयक 2020 ( Bilateral Netting of Qualified Financial Contracts Bill, 2020) पारित हुआ. इसके अलावा राज्यसभा में विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन विधेयक 2020 (Foreign Contribution (Regulation) Amendment Bill, 2020) पास कर दिया गया जिसके तहत NGOs के लिए विदेशों से आने वाले फंड का विनियमन इस विधेयक के आधार पर किया जाएगा.
2. अनाज, दालें, आलू-प्याज़, तेल आवश्यक वस्तुओं से बाहर हुई, राज्यसभा में बिल पास
अब अनाज, दालें, तेल के बीज, खाने का तेल और आलू-प्याज़ की गिनती आवश्यक वस्तुओं में नहीं होगी. राज्यसभा ने एसेंशियल कमोडिटीज़ एक्ट या आवश्यक वस्तु अधिनियम (संशोधन) बिल को मंगलवार को ध्वनि मत से पास कर दिया. ये नया क़ानून, जून महीने में सरकार द्वारा जारी उस अध्यादेश की जगह लेगा जिसके तहत इन सभी चीज़ों को आवश्यक वस्तुओं की लिस्ट से बाहर कर दिया गया था. सरकार का कहना है कि वो इस क़ानून के ज़रिए इन वस्तुओं के कारोबार में निजी निवेशकों के निवेश से डर को दूर करने की कोशिश है. दरअसल, इन नियमों के चलते ही निजी निवेशक इन वस्तुओं के कारोबार में इन्वेस्ट करने से बचते रहे हैं. इस बिल के पास हो जाने से इन सभी सामानों का उत्पादन करने, उन्हें लाने-ले जाने, डिस्ट्रीब्यूशन करने और आपूर्ति करने में अब सरकारी नियम क़ायदे बाधा नहीं बनेंगे. इससे अर्थव्यवस्था, कृषि क्षेत्र और उत्पादकों को फ़ायदा होगा. सरकार ने ये दावे उस समय भी किए थे जब ये अध्यादेश जारी किया गया था. आवश्यक वस्तु अधिनियम (Essential Commodities Act)को आज से 65 साल पहले वर्ष 1955 में बनाया गया था. इसका मक़सद था कि जनता के इस्तेमाल की ज़रूरी चीज़ों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर सरकारी कंट्रोल रखा जा सके. लेकिन, अब इस क़ानून में बदलाव के बाद सरकार इन सामानों की स्टॉक लिमिट पर बेहद असाधारण परिस्थितियों जैसे कि राष्ट्रीय आपदा, अकाल या दाम में बेतहाशा वृद्धि के समय में ही पाबंदियां लगा सकेगी. यानी अब कोई भी असीमि मात्रा में इन वस्तुओं का स्टॉक रख सकेगा.
3. संसद परिसर में विपक्षी दल का विरोध प्रदर्शन
पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में दो कृषि विधेयकों के पारित होने के बाद विपक्षी दलों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. एक तरफ कोविड-19 महामारी के मद्देनजर निर्धारित समय से एक सप्ताह पहले राज्यसभा की कार्यवाही को अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने का फैसला लिया गया है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दलों ने किसान मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रविवार को हुए हंगामे के बाद सभापति वैंकेया नायडू ने विपक्ष के 8 सांसदों को पूरे मानसून सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया था, तब से विपक्ष के सभी पार्टियों ने लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया. सांसदों ने किसान बचाओ, मजदूरों को बचाओ और लोकतंत्र को बचाओ जैसे नारे लगाए. विरोध-प्रदर्शन में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन और राकांपा के प्रफुल्ल पटेल सहित अन्य बड़े चेहरे शामिल हैं. बता दें कि इस मुद्दे पर विपक्ष को शिरोमणि अकाली दल की नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल का भी साथ मिला है. किसानों के समर्थन में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को झटका देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था.
4. राजनीति में एंट्री करने को तैयार बिहार के डीएसपी
पिछले साल बिहार के पुलिस महानिदेशक बने DGP गुप्तेश्वर पांडेय (Gupteshwar Pandey) ने मंगलवार को अचानक वीआरएस ले लिया. गुप्तेश्वर पांडे के नौकरी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद कहा जा रहा था शायद उन्होंने ऐसा बिहार विधानसभा चुनाव में विधायक का चुनाव लड़ने के लिए किया है. लेकिन बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, "मैंने ना कोई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन की है, ना मैं कोई राजनेता हूं, ज्वाइन करूंगा तो आप सबको बताकर ज्वाइन करूंगा." वहीं, बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव में उनके मैदान में उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा, "अभी मैं चुनाव लडुंगा यही मैंने कहां कहा है". उन्होंने कहा, "मैं जिन लाखों लोगों से जुड़ा हूं, उनसे बात करने के बाद मैं तय करूंगा कि वे मेरी सेवा किस रूप में चाहते हैं." बता दें कि गुप्तेश्वर पांडेय को जनवरी 2019 में बिहार का डीजीपी बनाया गया और बतौर डीजीपी उनका कार्यकाल 28 फरवरी 2021 तक था. यानी कि डीजीपी के तौर पर पांडेय का अभी 5 महीने का कार्यकाल बचा हुआ था. गुप्तेश्वर पांडेय हाल ही में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत मामले में महाराष्ट्र की शिवसेना सरकार के नीतीश कुमार सरकार पर हमले को लेकर बिहार सरकार के बचाव के लिए सुर्खियों में रहे थे. तभी से यह कयास लगाए जाने लगे थे कि पांडेय बिहार में चुनाव लड़ेंगे.
5. फिल्म 'उड़ता पंजाब' के प्रोड्यूसर से NCB की पूछताछ, दीपिका पादुकोण को भेज सकती है समन
सुशांत सिंह राजपूत केस में ड्रग्स ऐंगल के सामने आने के बाद बॉलीवुड हस्तियां फंसती नजर आ रही हैं. ड्रग्स की खरीद-फरोख्त के मामले में हर दिन नए-नए नाम सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में पूछताछ के लिए जांच कर रही नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) ने अब प्रोड्यूसर मधु मंटेना को पूछताछ के लिए बुलाया है. एक दिन पहले ही एनसीबी ने फिल्म निर्माता को समन भेजा था. बता दें मधु मांटेना बॉलीवुड के लोकप्रिय नाम हैं जिन्होंने 'मसान', 'उड़ता पंजाब' से लेकर 'क्वीन', 'गजनी' जैसी फिल्मों को प्रड्यूस किया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो जया साहा द्वारा मधु मंटेना का नाम लिया गया है. अब कहा तो ये भी जा रहा है कि एनसीबी जया साहा के सामने भी मंटेना से पूछताछ कर सकती है. इसके अलावा सूत्रों की मानें तो जया साहा के चैट में दीपिका का भी जिक्र है, जिसकी जांच के लिये एनसीबी उन्हें समन भेज सकती है.
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