तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के राज्य सभा सांसद दिनेश त्रिवेदी (Dinesh Trivedi) ने शुक्रवार को राज्य सभा (Rajya Sabha) में अपने इस्तीफे का ऐलान कर दिया. इस्तीफे के बाद उनके बीजेपी (BJP) में जाने की अटकलें तेज हो गई हैं. उन्होंने राज्य सभा में इस्तीफे के दौरान बंगाल में राजनीतिक हिंसा से खुद को दुखी बताया. आपको बता दें कि दिनेश त्रिवेदी तृणमूल कांग्रेस (TMC) के काफी वरिष्ठ नेता हैं. ऐसे में उनके इस्तीफे से बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा है. वह मनमोहन सरकार में रेल मंत्री रह चुके हैं. TMC सांसद त्रिवेदी पिछले काफी समय से पार्टी से असंतुष्ट चल रहे थे.
कद्दावर नेता सुवेंदु अधिकारी, मंत्री राजिब बनर्जी और कुछ अन्य टीएसमी नेताओं के बंगाल सत्ताधारी पार्टी छोड़ बीजेपी में शामिल होने के हफ्तों बाद दिनेश त्रिवेदी ने भी पार्टी से इस्तीफे का ऐलान कर दिया. बंगाल में इसी साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होंगे.
इस्तीफे का ऐलान करते हुए दिनेश त्रिवेदी ने कहा, "मातृभूमि सबसे ऊपर है. बंगाल में हो रही हिंसा पर चुपचाप यहां बैठने से कोई फायदा नहीं है. वहां जिस तरह की हिंसा है. मुझे अजीब लगता है कि यहां बैठकर क्या करूं. वास्तविकता में हम अपनी मातृभूमि के लिए हैं. मैं पार्टी में हूं. पार्टी के सिद्धांत होते हैं. लेकिन अब मुझे घुटन होती है. मुझे यहां भेजने के लिए मैं अपनी पार्टी का आभारी हूं. स्वामी विवेकानंद ने कहा था- 'उठो और जागो'. अगर मैं यहां बैठकर कुछ नहीं कर सकता, तो इससे अच्छा है कि मैं इस्तीफा दे दूं और बंगाल वापस चला जाऊं."
आपको बता दें कि दिनेश त्रिवेदी तृणमूल कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं, जिनकी गैर-बंगाली मतदाताओं पर अच्छी पैठ है. यही नहीं वह पार्टी के बड़े फंड मैनेजर भी हैं. उनके इस्तीफे के टीएमसी ने बयान जारी कहा, "तृणमूल का मतलब है जड़ से जुड़ा हुआ. अब हमें अपने जड़ से जुड़े हुए कार्यकर्ता को राज्य सभा में भेजने का मौका मिल गया है."
गौरतलब है कि दिनेश त्रिवेदी ने बेहद कम समय के लिए बतौर रेल मंत्री भी काम किया था. रेल बजट पेश करते हुए उन्होंने यात्री किराए में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था, जिसके बाद ममता बनर्जी इतनी नाराज हो गईं थीं कि उसी दिन त्रिवेदी को रेल मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था. तब त्रिवेदी के बदले मुकुल रॉय ने संसद में बजट चर्चा पर जवाब दिया था.
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