तुर्की का इज़मिर शहर भयंकर भूकंप के झटकों से हिल गया. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 7 मापी गई है. इस भूकंप के बाद तुर्की के अधिकारियों ने सुनामी की चेतावनी जारी की है. भूकंप के झटकों से इज़मिर शहर की कई इमारतें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. भूकंप का केंद्र तुर्की के पड़ोसी देश ग्रीस में था.
Preliminary Event: M 7.0 - 14 km NE of Néon Karlovásion, Greece https://t.co/fPxORWGWnv
— USGS Earthquakes (@USGS_Quakes) October 30, 2020
भूकंप के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है, जबकि सैकड़ों लोग ज़ख़्मी बताए जा रहे हैं. भूकंप के बाद कई लोगों ने इज़मिर शहर से सोशल मीडिया पर वीडियो डाले हैं, जिसमें भूकंप के बाद का मंज़र बेहद भयानक है. तस्वीरें देख कर ऐसा लग रहा है कि मरने वालों की संख्या कई गुना बढ़ सकती है.
BREAKING: A #tsunami warning has been issued after an #earthquake with a magnitude of up to 7.0 struck #Turkey's #Aegean coast, north of the Greek island of #Samos. Vision has emerged of what's reportedly tsunami-related flooding in #Seferihisar, south-west of #Izmir #deprem pic.twitter.com/EP9JGDHwkZ
— Auskar Surbakti (@AuskarSurbakti) October 30, 2020
तुर्की का इज़मिर शहर एजीयन सी के किनारे बसा हुआ है. इस वजह से वहां समुद्र की ऊंची लहरों से और तबाही मचने की आशंका जताई गई है. तुर्की ने राहत और बचाव दल मौक़े पर भेज दिए हैं. तुर्की के साथ ही यूनान के सामोस द्वीप में भी भूकंप के तेज़ झटके महसूस किए गए हैं. यहां से भी भूकंप के कारण तबाही की ख़बरें आ रही हैं. यूनान की सरकार ने सामोस द्वीप में रहने वाले सभी 45,000 नागरिकों को समुद्रतट से दूर रहने की सलाह दी है.
My heart goes out to everyone impacted by this terrible #Earthquake in Turkey and Greece.
— Enes Kanter (@EnesKanter) October 30, 2020
Yet another tragedy during these difficult times. Compassion, humanity and hope, must drive us forward at this time.
pic.twitter.com/AzTzdpOWVE
तुर्की, उस जगह पर बसा हुआ है, जहां पर एशिया और यूरोपीय महाद्वीप मिलते हैं. ज़मीन के भीतर, एक बड़ी फॉल्ट लाइन मौजूद है. जहां धरती के भीतर की प्लेटें आपस में टकराती हैं. इसी वजह से तुर्की में अक्सर भूकंप आते रहते हैं. इससे पहले 1999 में तुर्की के इज़मित शहर में 7.6 भयंकरता का भूकंप आया था, जिसमें 17 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान चली गई थी. साल 2011 में एशिया की ओर वान शहर में आए ज़लज़ले में पांच सौ से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई थी.
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