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UNION BUDGET 2021: कांग्रेस, AAP, RJD, SP, BSP ने बजट पर क्‍या कहा

TLB Desk

नई दिल्‍ली 01 Feb, 2021 07:55 pm

संसद में केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश कर रहीं थी उसी दौरान शेयर बाजार में तेजी दर्ज की जा रही थी. कॉरपोरेट जगत खुश हो रहा था. ऐसा लग रहा था जैसे सबकुछ उसके लिए ही किया जा रहा हो. कारण भी था, सरकार बहुत कुछ बेचने की घोषणा कर रही थी. असर शेयर बाजार पर दिखना ही था. लेकिन इन सब के बीच आम आदमी के खाते में क्‍या आया? व्यक्तिगत आयकर में कोई बदलाव नहीं किया गया है. 75 वर्ष से ऊपर के नागरिकों को आयकर दाखिल करने में छूट दे दी गई लेकिन ऐसे लोगों की संख्‍या क्‍या होगी यह भी समझने वाली बात है. स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्र के लिए कुछ उम्‍मीद वाला घोषणा की गई. सरकार ने शिक्षा, रोजगार, कृषि, परिवहन, रेलवे सबके लिए अपने बजट में कुछ देने की कोशिश की लेकिन विपक्ष की नजर में यह कुछ भी नहीं है. राष्‍ट्रीय जनता दल ने कहा कि यह बजट घर बेचकर घर चलाने वाला है तो वहीं कांग्रेस ने कहा कि सरकार का बजट ग्रामीण भारत और गरीब के साथ घोर अन्‍याय करने वाला है.

बजट पर कांग्रेस ने क्‍या कहा? 
मोदी सरकार के बजट में एयरपोर्ट से लेकर रेल, गोदाम से लेकर बंदरगाह, सड़क से लेकर रेल, बिजली ट्रांसमिशन लाइन से लेकर BHEL तक सब सरकारी सम्पति बेच डाले. ग्रामीण भारत और गरीब के साथ घोर अन्याय वाला बजट है. इस बजट में महात्मा गांधी नरेगा का बजट 42% काटा गया है. गरीब मज़दूर, SC, ST व पिछड़ों पर मोदी सरकार का ये प्रहार ग्रामीण भारत के लिए घातक होगा. इस बजट में खेती और किसान की अनदेखी जारी है. खेती का बजट 6% घटाया गया है . PM किसान सम्मान का बजट 13% घटाया गया है. मार्केट इंटर्वेन्शन स्कीम(MIS-PSS) का बजट 25% घटाया गया है. मोदी सरकार की नीतियों के कारण सरकारी उधारी में लगातार बढ़त दर्ज की जा रही है. मोदी सरकार की नीतियों ने देश की अर्थव्यवस्था को तबाह कर दिया है. देश की अर्थव्यवस्था की गिरावट की असली वजह बीजेपी सरकार की अनर्थ नीतियां हैं. सकल कर राजस्व संग्रह में भारी गिरावट ने अर्थव्यवस्था की सच्चाई को उजागर किया है.

आम आदमी पार्टी ने क्‍या कहा? 
अब की बार... देश बेचने का बजट लाई मोदी सरकार. यह बजट चंद बड़ी कम्पनियों को फ़ायदा पहुंचाने वाला बजट है. ये बजट महंगाई के साथ आम जन-मानस की समस्याएं बढ़ाने का काम करेगा. बीजेपी की केंद्र सरकार ने बजट में दिल्ली को फिर निराश किया है. दिल्ली को बजट में केवल 325 करोड़ मिले है जबकि दिल्ली के लोग 1.5 लाख करोड़ का टैक्स केंद्र को देते हैं.  बीजेपी की सरकार ने बीजेपी शासित MCD को भी एक भी रुपया नहीं दिया, जबकि देश भर के नगर निगमों के लिए 2 लाख करोड़ रुपये दिए हैं.  MCD चुनाव के वक्त BJP ने कहा था कि वे केंद्र से सीधे MCD को पैसा लाएंगे. नई शिक्षा नीति(NEP) का इतना ढोल बजाने के बाद, बजट में शिक्षा का बजट पिछले साल से 6000 करोड़ कम कर दिया है. (NEP में शिक्षा बजट GDP का कम से कम 6% करने की नीति बताई गई है.) बजट में साफ़ बता दिया गया है कि नई शिक्षा नीति बीजेपी के लिए केवल एक जुमला भर थी. इतिहास गवाह है कि परिवार हों या देश, आत्मनिर्भर वही बनता है जो अपने बच्चों की अच्छी शिक्षा पर खर्च करता है. यहां तो शिक्षा का बजट 6000 करोड़ कम किया जा रहा है. बच्चे पढ़ेंगे नहीं तो देश आत्मनिर्भर कैसे होगा? आत्मनिर्भर बनाने की बात भी केवल जुमला ही है.

राष्‍ट्रीय जनता दल ने क्‍या कहा?
घर बेच कर घर नहीं चलाया जाता है! यह देश बेचने वाला बजट है. यह बजट नहीं सरकारी प्रतिष्ठानों व संपत्तियों को बेचने की सेल थी. रेल, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, लाल किला, BSNL, LIC बेचने के बाद यह बजट नहीं बल्कि अब बैंक, बंदरगाह, बिजली लाइनें, राष्ट्रीय सड़कें, स्टेडियम, तेल की पाइप लाइन से लेकर वेयरहाउस बेचने का भाजपाई निश्चय है. आम बजट में बिहार के लिए कोई नई यूनिवर्सिटी, हॉस्पिटल, राष्ट्रीय राजमार्ग, कारखाना, औद्योगिक इकाई, रेलवे लाइन और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट नहीं बल्कि ऊपर से आम आदमी पर बोझ लाद दिया. केंद्र सरकारी प्रतिष्ठान बेच रही है फिर भी बिहार NDA के 40 में से 39 सांसद मेज थपथपा रहे थे. शर्मनाक!

समाजवादी पार्टी ने क्‍या कहा?
इस बजट ने उन सभी प्रदर्शनकारी किसानों को क्या दिया? बीजेपी हमेशा कहती थी कि वो आय दोगुनी करेगी, क्या इस बजट से किसानों की आय दोगुनी हो रही? हमारे युवा जो पढ़ाई करना चाहते हैं उनके लिए काम, रोज़गार के लिए इस बजट में क्या व्यवस्था की गई है, क्या इनको रोज़गार मिलेगा? 

बहुजन समाज पार्टी ने क्‍या कहा?
संसद में पेश किया गया केन्द्र सरकार का बजट पहले मन्दी व वर्तमान में कोरोना प्रकोप से पीड़ित देश की बिगड़ी अर्थव्यवस्था को संभालने तथा यहांं की अति-गरीबी, बेरोजगारी व महंगाई आदि की राष्ट्रीय समस्या को क्या दूर कर पाएगा? इन्हीं आधार पर सरकार के कार्यकलापों व इस बजट को भी आंका जाएगा.

देश की करोड़ों गरीब, किसान व मेहनतकश जनता केन्द्र व राज्य सरकारों के अनेकों प्रकार के लुभावने वायदे, खोखले दावे व आश्वासनों आदि से काफी थक चुकी है तथा उनका जीवन लगातार त्रस्त है. सरकार अपने वायदों को जमीनी हकीकत में लागू करे तो यह बेहतर होगा.

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