प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों की एक प्रमुख स्कॉलरशिप योजना के बजट में पांच गुना वृद्धि की है. केंद्र का यह फैसला अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए उच्च शिक्षा में पर्याप्त अवसर बढ़ाने के लिए लिया गया है. केंद्र ने यह भी निर्णय लिया कि इस योजना को सरल बनाया जाएगा और स्कॉलरशिप की राशि को सीधे छात्रों के बैंक खातों में डाला जाएगा.
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने कहा कि केंद्र के राज्यों की हिस्सेदारी में भी वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि केंद्र 60% छात्रवृत्ति राशि का भुगतान करेगा, जबकि राज्य 40% वहन करेंगे.
एक बयान में कहा गया कि सीसीईए ने अनुसूचित जाति के छात्रों (PMS-SC) के लिए केंद्र प्रायोजित योजना, पोस्ट-मैट्रिक स्कॉलरशिप में बदलाव को मंजूरी दे दी है, जिसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में 40 मिलियन से अधिक अनुसूचित जाति के छात्रों को लाभान्वित करना है ताकि वे अपनी उच्च शिक्षा को सफलतापूर्वक पूरा कर सकें.
योजना पर अगले पांच सालों में 59 हजार करोड़ से ज्यादा राशि खर्च की जाएगी. इसमें केंद्र की हिस्सेदारी 35 हजार करोड़ से ज्यादा की होगी.
क्या है स्कीम
अनुसूचित छात्रों को इस छात्रवृत्ति स्कीम के तहत दसवीं के बाद की पढ़ाई के लिए यानी 11वीं से उच्च शिक्षा तक ट्यूशन फीस, रखने और खाने के लिए मासिक भत्ता और शोध आदि के लिए टाइपराइ¨टग भत्ता आदि दिया जाता है.
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