लखनऊ के विभूति खंड इलाके में बुधवार शाम गैंगवार में मऊ जिले के रहने वाले पूर्व ब्लॉक प्रमुख की हत्या कर दी गई. इस दौरान मृतक का एक साथी और एक राहगीर भी गोली लगने से घायल हो गए. वारदात को अंजाम देकर बदमाश फरार हो गए. घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
लखनऊ के विभूति खंड के पॉश इलाके कठौता चौराहा बुधवार शाम गोलियों की तड़तडाहट से गूंज उठा. चौराहे पर अचानक फ़िल्मी स्टाइल में दो तरफ से गोलियां चलने लगीं, जिसके बाद हादसे में तीन लोगों को गोलियां लगीं. इस घटना में मऊ निवासी अजीत सिंह की मौत हो गई. उसके साथी मोहर सिंह और वहां से गुजर रहे एक डिलेवरी बॉय को गोली लगी, जिनको अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
जिलाबदर किया गया था मृतक
दरअसल, अजीत सिंह के खिलाफ मऊ में डेढ़ दर्जन से ज्यादा मुक़दमे दर्ज थे और इस वजह से जिला प्रशासन ने उसे जिलाबदर कर दिया था. इसके बाद अजीत लखनऊ के विभूति खंड में एक अपार्टमेंट में रह रहा था. घटना वाले दिन अजीत अपनी ब्लैक कलर की स्कॉर्पियो से बुधवार शाम कठौता चौराहा पंहुचा था. इस दौरान उसके साथ मोहर सिंह भी था. दोनों जैसे ही गाड़ी से उतरे तभी वहां मौजूद बदमाशों ने गोलियां चलाना शुरू कर दिया.
फ़िल्मी अंदाज में चली गोलियां
फायरिंग होते ही अजीत ने भी गोलियां चलाना शुरू कर दिया. दोनों तरफ से फ़िल्मी स्टाइल में गोलियां चलने लगीं, जिसके बाद बदमाशों की तरफ से हुई फायरिंग में एक गोली अजीत के सिर पर लग गई और वो वहीं गिर पड़ा. गोली अजीत के साथ मौजूद मोहर सिंह और एक डिलवरी बॉय को भी लगी. मौके पर तीन बदमाश फायरिंग कर रहे थे जो घटना को अंजाम देने के बाद फरार हो गए. गैंगवार में करीब 30 राउंड फायरिंग हुई थी.
हत्या के मामले में होनी थी गवाही
दरअसल, आजमगढ़ के पूर्व विधायक सर्वेश सिंह उर्फ सीपू की 19 जुलाई 2013 को घर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस मामले में अजीत गवाह था. 4 दिन बाद कोर्ट में अजीत की गवाही होनी थी. ऐसा माना जा रहा है कि अजीत गवाही न दे सके इसी वजह से उसकी हत्या करवाई गई है. इस हत्या में कुंटू सिंह का नाम सामने आया था. एक समय कुंटू सिंह यूपी पुलिस के टॉप 10 माफिया की सूची में शामिल था. कुंटू सिंह अभी आजमगढ़ जेल में बंद है.
मुख़्तार का करीबी था अजीत
अजीत सिंह मुख़्तार अंसारी का काफी करीबी माना जाता था. पुलिस के पास मुख़्तार अंसारी के करीबियों की जो लिस्ट है उसमे अजीत का नाम भी शामिल है. वहीं इस पूरी वारदात में सफेदपोशों का नाम भी सामने आ रहे हैं. लेकिन अजीत की हत्या के बाद ऐसा माना जा रहा है की अब कई माफिया गिरोह का आमना-सामना हो सकता है.
क्या कहना है पुलिस का?
लखनऊ के विभूतिखण्ड में पूर्व ब्लॉक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने मौके का जायजा लिया था. इस मामले में उनका कहना है कि एफआईआर लिखी गई है. एफआईआर के मुताबिक मृतक एक हत्या के मामले में प्रमुख गवाह था. हो सकता है कि गवाही रोकने के लिए हत्या करवाई गई हो. जिन शूटरों ने अजीत की हत्या की उनके क्लू हमें मिले हैं. हमें उम्मीद है जल्द उनकी गिरफ्तारी की जाएगी. मृतक के साथ घायल उनके साथी मोहर सिंह वादी है और उन्होंने ही एफआईआर दर्ज करवाई है. मृतक और साथी मोहर भी हिस्ट्रीशीटर है और उन पर कई मुकदमे दर्ज हैं.
आजमगढ़ और मऊ से है हत्याकांड का कनेक्शन
पुलिस कमिश्नर डी के ठाकुर ने यह भी बताया कि जिन शूटरों के नाम इस हत्या में सामने आए हैं वो इनके कभी साथी हुआ करते थे. ये लोग अपराध और जरायम की दुनिया के हैं. जो कभी साथी रहे, कभी अलग हो गए, कभी दुश्मन बन गए. एफआईआर में कुण्टू सिंह नामजद है. आजमगढ़ और मऊ से इस हत्याकांड का पूरा कनेक्शन है. ये लोग वहीं के रहने वाले हैं. जिस गवाही की वजह से ये हत्या की गई वो भी वहीं का था. हमारी पांच टीमें पूर्वांचल गईं हुईं हैं. कनेक्शन खंगाले जा रहे है.
शूटर लखनऊ में कहां रुके थे इसकी जानकारी भी लग चुकी है. हम इस पर काम कर रहे है और जल्दी सफल होंगे. ये घटना मुश्किल से 1 मिनट के समय मे अंजाम दी गई. सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद लोगों से बात की गई है. पुलिस की लापरवाही को लेकर हम समीक्षा कर रहे है. यदि लापरवाही किसी की है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी.
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