उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जनपद के मैगलगंज थाना क्षेत्र के रेलवे लाइन किनारे दो शव मिले है. शव के पास से एक अवैध कट्टा बरामद हुआ है. जानकारी के अनुसार दोनों मृतक प्रेमी युगल है जो सीतापुर जनपद के महोली थाना क्षेत्र के गांव कचूरा के रहने वाले हैं. वही लड़की का नाम रेखा कश्यप व लड़के का नाम पवन चौबे है. दोनों लोग दो दिन पहले गांव से गायब हुए थे. जिसको लेकर लड़की के परिजनों ने कल अपने स्थानीय थाने पर एक मुकदमा दर्ज कराया था जिसमें मृतक लड़के सहित तीन लोगों पर लड़की को भगा ले जाने का आरोप लगाया गया था.
आज सुबह सुबह ग्रामीणों ने मैगलगंज थाना क्षेत्र के रेलवे लाइन किनारे दो शव देखा तो मैगलगंज थाना पुलिस को सूचना दी. मैगलगंज व महोली पुलिस ने घटना स्थल पर पहुंच कर शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. इस घटना की सूचना मिलते ही लखीमपुर जिले के कप्तान विजय ढुल ने घटना स्थल का निरीक्षण किया .
राज्य की योगी सरकार ने अगस्त, 2020 में क्राइम को लेकर एक आंकड़ा जारी किया था जिसमें दावा किया गया था कि प्रदेश में अपराध तेजी से घटा है. गृह विभाग के प्रवक्ता के अनुसार 9 वर्षों के आंकड़ों के मुताबिक मौजूदा सरकार के कार्यकाल में अपराध की घटनाओं में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है. अपराध और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदेश सरकार की 'जीरो टॉलरेंस' नीति का ही नतीजा है कि प्रदेश में अपराध में कमी आई है.
आंकड़ों की बात करें तो डकैती के मामले में वर्ष 2016 की तुलना में 2020 में 74.50 फीसदी और 2012 के सापेक्ष 74.67 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई है. इसी तरह लूट के मामलों में क्रमशः 65.29 फीसदी और 54.25 फीसदी की गिरावट हुई है. हत्या के मामलों में क्रमशः 26.43 फीसद और 29.74 फीसदी की कमी आई है.
फिरौती के लिए अपराध के मामलों में वर्ष 2016 के सापेक्ष 2020 में 54.55 फीसदी और 2012 के मुकाबले 64.29 फीसदी की कमी आई है. गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, बलात्कार के मामलों में वर्ष 2013 के मुकाबले 2020 में 25.94 फीसदी, 2016 के मुकाबले 38.74 फीसदी और 2019 के सापेक्ष 28.13 फीसदी की कमी आई है.
प्रवक्ता के अनुसार पॉक्सो ऐक्ट के मामलों में प्रभावी पैरवी करते हुए एक जनवरी 2019 से 30 जून 2020 तक 922 मुकदमों में आरोपियों को सजा हुई है. इनमें से पांच को मृत्युदंड, 193 को उम्र कैद और 724 को अन्य सजा हुई है. वहीं, राहजनी के मामलों में यह गिरावट 100 फीसदी रही है. साल 2017 से लेकर अभी तक ऐसी एक भी वारदात नहीं घटित हुई है.
गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार गुंडा अधिनियम, गैंगस्टर एक्ट तथा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के पंजीकृत अभियोगों के तहत मौजूदा सरकार के कार्यकाल में प्रभावी कार्यवाही हुई है. गुंडा अधिनियम के तहत वर्ष 2012 में 12,149, वर्ष 2016 में 13,615 मुकदमे दर्ज हुए थे जबकि 2020 में अब तक 17,908 अभियोग पंजीकृत किए जा चुके हैं. गैंगस्टर एक्ट के तहत 2012 में 1313, वर्ष 2016 में 1716 और 2020 में 2346 मुकदमे दर्ज हुए हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत साल 2012 में 44 एवं 2016 में 82 तथा 2020 में 112 अभियोग पंजीकृत किए गए.
Leave Your Comment