सुप्रीम कोर्ट ने UPSC Civil Services परीक्षा को स्थगित करने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने यूपीएससी की उन दलीलों को स्वीकार किया कि अब परीक्षा टालने का असर अगले साल की परीक्षा पर भी पड़ेगा. कोर्ट ने केंद्र से कहा कि वह वैश्विक महामारी के कारण परीक्षा नहीं दे पाने वाले उन लोगों को एक और मौका देने पर विचार करे, जिनसे पास परीक्षा देने का इस बार आखिरी अवसर है.
यूपीएससी सिविल सर्विस प्री परीक्षा 2020 के स्थगन को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि परीक्षा स्थगित नहीं हो सकती है. इससे दूसरी परीक्षाओं पर भी प्रभाव पड़ेगा. एडवोकेट अनुश्री कपाड़िया के तर्क रखने पर कोर्ट ने कहा है कि ग्रामीण इलाकों से आने वाले उम्मीदवारों के लिए परिवहन की समस्या है. इस पर कोर्ट ने कहा है कि यह नया नहीं है. यह हर जगह की समस्या है.
वहीं, तैयारियों को लेकर यूपीएससी ने कहा कि परीक्षा देने वाले परीक्षार्थियों के लिए एग्जाम में मास्क या फेस कवर पहनना अनिवार्य है. आयोग ने कहा है कि स्टूडेंट्स पारदर्शी बोतलों में सैनिटाइजर भी ला सकते हैं. बिना मास्क के किसी भी परीक्षार्थी को परीक्षा केन्द्र में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जायेगी. परीक्षार्थियों को कोविड-19 के नियमों का पालन करना होगा. उन्हें परीक्षा हॉल/कमरों के साथ परिसरों में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा.
बता दें कि सोमवार को सुनवाई के दौरान संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि अब सिविल सर्विल परीक्षा को स्थगित करना असंभव है क्योंकि इसके लिए सभी लॉजिस्टिक इंतजाम पहले ही किए जा चुके हैं. आपको बता दें कि 4 अक्टूबर को देशभर के 72 शहरों में होने वाली इस ऑफलाइन परीक्षा में 6 लाख उम्मीदवारों के शामिल होने की उम्मीद है.
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