
उत्तराखंड हाईकोर्ट (Uttarakhand High Court) ने मंगलवार को महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आपको बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट राज्य के कुछ पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा बकाया रकम का भुगतान न किए जाने के कारण उनके खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई कर रहा है.
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पहले दिए गए आदेश के बाद भी सुविधाओं का बकाया जमा नहीं करने पर पूर्व मुख्यमंत्री और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
आपको बता दें कि 3 मई 2019 को हाईकोर्ट ने चार पूर्व मुख्यमंत्रियों को उनके द्वारा कब्जाए हुए भवनों का किराया बाजार मूल्य के हिसाब से छह महीने के अंदर चुकाने का निर्देश दिया था. बाजार मूल्य के हिसाब से इन भवनों का किराया 2.8 करोड़ रुपये बताया गया था. इसके अलावा उन्हें बिजली, पानी और पेट्रोल का बिल भी राज्य सरकार के पास जमा करने के लिए कहा गया था.
रूरल लिटिगेशन एंड एंटाइटेलमेंट केंद्र (रूलक) की जनहित याचिका पर हाईकोर्ट में पिछले साल पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास व अन्य सुविधाओं का बकाया छह महीने में जमा करने के आदेश पारित किए थे. छह महीने में बकाया जमा नहीं करने पर रूलक ने अवमानना याचिका दायर की. कोर्ट ने सरकार से पूछा था है कि आदेश का अनुपालन क्यों नहीं किया गया है और क्यों नहीं इन पूर्व सीएम के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए.
रूलक संस्था ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को संवैधानिक पद पर होने की वजह से संविधान के अनुछेद 361 (4) में नोटिस भेजा था. आपको बता दें कि इसके तहत राज्यपाल और राष्ट्रपति के खिलाफ अवमानना याचिका दायर करने से पहले 60 दिन पहले सूचना देनी जरूरी होती है. रुलक ने पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के राज्यपाल के खिलाफ 10 अक्टूबर को 60 दिन पूरे होने के बाद अवमानना याचिका दायर की.
जस्टिस शरद शर्मा की एकल बेंच ने मंगलवार को कोश्यारी के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की.
इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा, "हम कोर्ट को बताना चाहते हैं कि याचिका पूरी तरह से सही है फिर चाहे प्रतिवादी राज्यपाल ही क्यों न हो. कोश्यारी के खिलाफ वर्तमान अवमानना याचिका दायर करने से पहले भारतीय संविधान के अनुच्छेद 361 (4) के तहत 60 दिन पहले सूचना देने की जरूरी शर्त को पूरा किया जा चुका है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर कोश्यारी को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस का जवाब देने के लिए उन्हें चार हफ्ते का समय दिया गया है."
आपको बता दें कि उत्तराखंड हाईकोर्ट ने इसी साल सितंबर में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा और भुवन चंद्र खंडूरी के खिलाफ भी कारण बताओ नोटिस जारी किया था. निशंक के मामले पर हाल ही में सुनवाई की गई, जबकि बहुगुणा और खंडूरी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की हुई है.
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