उत्तराखंड की राजधानी देहारदून से 120 किलोमीटर दूर टिहरी गढ़वाल जिले में बसे छोटे से गांव केमरसौड़ गांव के देव रतूड़ी (Dev Raturi) चीन की फिल्मी दुनिया में जाना-पहचाना नाम हैं. मशहूर दिवंगत एक्टर और मार्शल कलाकार ब्रूस ली (Bruce Lee) के बहुत बड़े फैन देव ने कभी यह सोचा भी नहीं था कि वो अपने बचपन के हीरो के नक्शेकदमों पर चलते हुए एक दिन चीन की फिल्म इंडस्ट्री का चमकता हुआ सितारा बन जाएंगे.
1976 में जन्मे 44 साल के देव रतूड़ी ने 10वीं में ही पढ़ाई छोड़ दी थी और फिर अपने परिवार की जिम्मेदारी उठाने के लिए वह गांव से दिल्ली आ गए. 1998 में उन्होंने बॉलीवुड में किस्मत आजमाने की कोशिश की, लेकिन कुछ हाथ न लगने बाद वो फिर से दिल्ली आ गए. इस दौरान उन्होंने रोजी-रोटी के लिए छोटे-मोटे काम किए और साथ ही मार्शल आर्ट भी सीखी.
इसके बाद साल 2005 में उन्होंने चीन जाने का फैसला किया और वहां बीजिंग के एक रेस्टोरेंट वेटर बन गए. वेटर से चीन का फिल्म स्टार बनने के सफर को याद करते हुए देव रतूड़ी कहते हैं, "मैं दो साल तक वेट बनकर काम करता रहा और फिर 2007 में एक जर्मन रेस्टोरेंट का मैनेजर बन गया. धीरे-धीरे मैंने प्रोफेशल गुर सीखे और 2010 में एक हॉस्पिटैलिटी चेन का एरिया डायरेक्टर बन गया."
देव ने 2011 में भारत आकर ब्याह रचाया और फिर वापस चीन चले गए, जहां उन्होंने 2013 में रेड फोर्ट नाम से खुद का रेस्टोरेंट खोल लिया.
हिन्दुस्तान टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में रतूड़ी ने कहा, "इसके बाद 2015 में मैंने अपना दूसरा रेस्टोरेंट खोला. इसके बाद आखिरकार मुझे फिल्म इंडस्ट्री में पहला ब्रेक मिला. फिल्म का नाम 'स्वात' था, जिसमें मैंने भारतीय किरदार निभाया. हालांकि वो नेगेटिव रोल था, लेकिन फिर मैंने पलटकर नहीं देखा."
रतूड़ी के मुताबिक उस पहली फिल्म ने उनके लिए दरवाजे खोले दिए और फिर उन्हें चीनी फिल्मों, टीवी और वेब सीरीज में काम मिलता गया. उनके मुताबिक, "मैंने अभी तक 20 से ज्यादा चीनी फिल्मों, टीवी और वेब सीरीज में काम किया है. मैंने पुलिस अफसर, एस्ट्रोनॉट और डॉक्टर जैसे कई किरदार निभाए हैं. वेब सीरीज 'माई रूममेट' चीन में साल 2020 में सबसे ज्यादा बार देखी गई वेब सीरीज है."
पिछले 15 सालों से चीन में रह रहे देव रतूड़ी अभी तक अपने पहाड़ और भारत को नहीं भूले हैं. यही नहीं वो चीन में फैले अपने 8 रेस्टोरेंट में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर वहां के लोगों को भारत और पहाड़ की संस्कृति से रू-ब-रू करवाने की कोशिश करते रहते हैं.
रतूड़ी के मुताबिक, "मैंने चीन में कभी भेद-भाव का सामना नहीं किया. यहां तक पिछले साल बॉर्डर पर हुए गतिरोध के वक्त भी मेरे साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं हुआ."
अब देव रतूड़ी की ख्वाहिश किसी ऐसी फिल्म में करने की है, जिसमें चीन और भारत दोनों देशों की संस्कृतियों की झलक हो. यही नहीं वो भारत खासकर उत्तराखंड में 500 करोड़ का निवेश भी करना चाहते हैं.
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