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ट्रैक्‍टर रैली के नाम पर दिल्‍ली में हुड़दंग, बेकाबू रैली के सामने पुलिस हुई बेबस

TLB Desk

नई दिल्‍ली 26 Jan, 2021 08:29 pm

ट्रैक्‍टर रैली के नाम पर जिस तरीके से दिल्‍ली में कोहराम मचाया गया वह देश को शर्मसार कर गया. गणतंत्र दिवस के दिन आंदोलनकारियों ने ट्रैक्‍टर रैली निकालने की घोषणा की थी. इसके लिए समय तय किया गया था लेकिन समय से पहले ही गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों और जवानों के बीच जमकर झड़प हुई. इस झड़प ने हिंसा का रूप ले लिया. गाजीपुर से बैरिकेट तोड़कर ये आंदोलनकारी आईटीओ पहुंचे. फिर वहां से लाल किला.

37 शर्तों के साथ किसान आंदोलनकारियों को ट्रैक्‍टर रैली निकालने की अनुमति मिली थी लेकिन दिल्‍ली पुलिस के अनुसार इसमें से किसी शर्त को नहीं माना गया. प्रदर्शनकारी उग्र हो गए. आंदोलनकारियों ने जमकर उपद्रव मचाया. लाल किले पर हुड़दंग मचाया. इनमें शामिल उपद्रवियों ने लाल किले पर लहरा रहे तिरंगा को उतार दिया और वहां पर किसान आंदोलन का झंडा फहरा दिया.

नई कृषि कानून को रद्द कराए जाने को लेकर दिल्‍ली के बॉर्डर पर किसान काफी समय से आंदोलन कर रहे हैं. किसान आंदोलनकारियों ने 26 जनवारी को ट्रैक्‍टर रैली निकालने का ऐलान किया था. इस मामले पर कोर्ट ने दिल्‍ली पुलिस को यह अधिकार दिया था वह इस रैली की अनुमति दे या नहीं. दिल्‍ली पुलिस ने किसान नेताओं के साथ बैठक कर 37 शर्तों के साथ रैली निकालने की अनुमति दी. रैली के लिए रास्‍ते तय किए गए. समय तय किए गए. किसानों ने रैली निकाली लेकिन वो बेकाबू हो गया. लाल किले पर कुछ उपद्रवी पहुंच गए और वहां तिरंगे की जगह किसान आंदोलन का झंडा फहरा दिया. हालांकि पुलिस ने काफी मशक्‍कत के बाद वहां वापस तिरंगे को लहराया गया. उधर आईटीओ के पास उपद्रवियों ने जमकर हंगामा काटा. इस दौरान एक ट्रैक्‍टर के पलटने की भी सूचना आई जिसमें ट्रैक्‍टर चालक की मौत हो गई.

किसानों की ट्रैक्‍टर रैली के दौरान दिल्‍ली में हुई हिंसक घटना की सभी पार्टी के नेताओं ने निंदा की है. पश्चिम बंगाल के मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी ने दिल्‍ली हिंसा पर चिंता व्‍यक्‍त की और कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार जिम्‍मेदार है. ममता बनर्जी ने कहा कि यह सरकार की असफलता है. उधर एनसीपी नेता शरद पवार ने भी दिल्‍ली हिंसा के लिए केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है. शरद पवार ने कहा कि किसान पिछले दो महीने से आंदोलन कर रहे हैं. सरकार इसको संभालने में नाकाम रही है. आज जो हुआ उसका कोई भी समर्थन नहीं कर सकता लेकिन उसके लिए निश्चित रूप से केंद्र सरकार जिम्‍मेदार है.

दिल्‍ली में हुई हिंसा और उपद्रव की घटना के बाद पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि जो भी हुआ वो दुखद है. रैली में कुछ उपद्रवी तत्‍व घुस गए थे जिन्‍होंने यह सब किया. किसान नेताओं को चाहिए कि वो तुरंत इससे अपने आप को अलग करें और बॉर्डर पर वापस आ जाए. किसान नेता राकेश टिकैत ने दिल्‍ली में हिंसा और उपद्रव की घटना को खेदजनक बताया है. टिकैत ने कहा कि कुछ उपद्रवी इस रैली में शामिल हो गए और यह सब उत्‍पात मचाया. हालांकि उसकी पहचान हो गई है. वे लोग कुछ राजनीतिक पार्टी से जुड़ें हुए हैं. उनका इरादा आंदोलन को पटरी से उतारना है.

ऑल इंडिया किसान सभा महासचिव हन्नान मौला ने कहा कि आज दिल्ली में जिन्होंने तोड़फोड़ की, वे किसान नहीं किसान के दुश्मन हैं, ये साजिश का अंग है. आज की गुंडागर्दी से, साजिश से हमने सबक लिया है. भविष्य में आंदोलन में ऐसे लोगों को घुसने का मौका न मिले, हम शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन चलाएंगे. 

दिल्‍ली की घटना के बाद गृहमंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारियों के साथ गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक की. यह बैठक तकरीबन दो घंटे चली. बैठक के बाद सभी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाने का आदेश दिया गया है.

उधर दिल्‍ली पुलिस ने कहा कि उपद्रवियों ने पुलिस अधिकारियों पर जानलेवा हमले किए, ट्रैक्‍टर से रौंदने की कोशिश की. दिल्‍ली पुलिस इसके लिए उपद्रवियों पर कानूनी कार्रवाई करेगी. दिल्ली पुलिस के संयुक्त पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार ने कहा कि किसान नेताओं के साथ बातचीत में रूट निर्धारित किए गए थे परन्तु आज सुबह 9:30 बजे एक गुट ने बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की और गाजीपुर बॉर्डर के पास पहली झड़प पुलिस के साथ हुई. पुलिस द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश की गई.

दिल्‍ली में किसानों के उपद्रव को देखते हुए दिल्‍ली मेट्रो ने उत्‍तम नगर, समयपुर बादली, आजादपुर, कश्‍मीरी गेट, रोहिणी सेक्‍टर 18, विधानसभा, मॉडल टाउन, इंद्रलोक में प्रवेश द्वार को बंद कर दिया है.

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