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ममता बनर्जी ने फिर चला हिंदू कार्ड, दुर्गा पूजा समितियों को देंगी 50-50 हज़ार

Suresh Kumar

नई दिल्‍ली 25 Sep, 2020 12:31 am

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा पर राज्य के हर पूजा पंडाल को पचास हज़ार रुपये देने की घोषणा की है. ममता बनर्जी के इस एलान से राज्य की 37 हज़ार से ज़्यादा पूजा समितियों को फ़ायदा होगा. इसके अलावा, ममता बनर्जी ने कहा कि, दुर्गा पूजा के दौरान कोलकाता नगर निगम या कोई अन्य नगर निगम, नगर परिषद, फायर ब्रिगेड विभाग व अन्य सरकारी विभाग, दुर्गा पूजा समितियों को दी जाने वाली सेवाओं के बदले में कोई शुल्क नहीं लेंगे.

यही नहीं ममता बनर्जी ने दुर्गा पूजा के दौरान ठेले लगाने वालों और दूसरे हॉकर्स को भी दो दो हज़ार रुपये देने की घोषणा की है. ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य के 75 हज़ार हॉकर्स की लिस्ट तैयार की जा चुकी है, जिन्हें सरकार की इस मदद से फ़ायदा होगा. क्योंकि लोग कोविड-19 की महामारी के चलते मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं. ये आर्थिक मदद फिलहाल सिर्फ़ एक बार दी जाएगी.

दुर्गा पूजा को-ऑर्डिनेशन मीटिंग को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते हम सब मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं. इसीलिए हर दुर्गा पूजा समिति को इस मदद की घोषणा की जा रही है. इसके अलावा कोलकाता बिजली आपूर्ति निगम और राज्य बिजली बोर्ड, पूरे पश्चिम बंगाल की पूजा समितियों को आधी क़ीमत पर बिजली देंगे.

ममता बनर्जी ने कहा कि सभी दुर्गा पूजा समितियां अपनी मूर्तियां खुले मैदान में लगाएं, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए दर्शन किए जा सकें. साथ-साथ हर व्यक्ति को मास्क लगाकर ही पूजा पंडाल में जाने की इजाज़त होगी.

अभी कुछ दिनों पहले ही ममता बनर्जी ने राज्य के पुरोहितों को एक हज़ार रुपये भत्ता देने की घोषणा की थी. इससे राज्य के 8 हज़ार सनातन पुरोहितों को फ़ायदा होगा. इन पुरोहितों के लिए ममता बनर्जी ने सरकारी मकान देने का भी एलान किया था. 

ममता बनर्जी के इस हिंदू तुष्टिकरण की कहानी वर्ष 2012 से हुई थी. जब सत्ता में आने के एक साल के भीतर ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के इमामों को 2500 रुपये भत्ता देने की घोषणा की थी. इसके साथ ही मस्जिद में अज़ान देने वाले मुअज्जिनों को 1500 रुपये भत्ता देने की घोषणा भी ममता बनर्जी ने की थी.

बीजेपी ने इस ममता का मुस्लिम तुष्टिकरण वाला दांव बताया. बीजेपी ने ममता के इसी तुष्टिकरण के विरोध को राज्य में अपना सियासी आधार बना लिया. 2019 के आम चुनाव आते-आते बीजेपी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और लेफ्ट को छोड़ कर दूसरी बड़ी पार्टी बन चुकी थी. बीजेपी ने मुस्लिम तुष्टिकरण और बांग्लादेशी घुसपैठियों को पनाह देने के आरोपों को ममता पर हमले का सबसे बड़ा हथियार बना लिया.

जिसके बाद ममता बनर्जी ने बीजेपी की हिंदुत्ववादी राजनीति के ख़िलाफ़ ये दांव चलने शुरू किए हैं. अगले साल होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों में ममता बनर्जी का सीधा मुक़ाबला बीजेपी से ही है.

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