कोरोना के आने के बाद देश में हो रहे कई आंदोलन खत्म हो गए थे. सड़कों पर प्रोटेस्ट होने बंद हो गए, लेकिन ट्विटर पर वैकेंसी, रिजल्ट और नियुक्ति को लेकर हो रहे छोटे छोटे आंदोलन कब बड़े हो गए यह सत्ता के नशे में चूर नेताओं को पता ही नहीं चला. कल तक विपक्ष के जो नेता बेरोजारी के मुद्दे पर बात नहीं कर रहे थे आज वे अपनी राजनीति के लिए छात्रों के हित की बात करते नजर आ रहे हैं. छात्र अब समझ चुके हैं कि 20 लाख करोड़ के पैकेज से उन्हें कुछ नहीं मिलना. हाल ही में छात्रों के #speakup कैंपेन ने कई सरकारों की नींद खोली. छात्र यही नहीं रुके, उन्होंने सरकार के ही स्टाइल में थाली-ताली, दिया-मोमबत्ती जलाकर बढ़ती बेरोजगारी का विरोध किया.
छात्रों के भारी विरोध के बाद अब कई राज्यों की सरकारें नीद से जाग चुकी हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, वही जिनके ट्वीट पर रिप्लाई करते करते छात्र हार मान चुके थे, उन्होंने बीते साढ़े तीन वर्ष में संपन्न 03 लाख पदों पर चयन प्रक्रिया के अनुरूप आगामी 03 माह में भर्ती प्रक्रिया संचालित करते हुए 06 माह में नियुक्ति पत्र वितरित किए जाने का निर्देश दे दिया.
एक बार फिर योगी जी ने युवाओं को 1 सप्ताह में शिक्षक भर्ती पूरी करने का वादा किया है. योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा विभाग में 31,661 सहायक शिक्षकों की भर्ती एक सप्ताह में पूरी किये जाने के निर्देश दिए हैं. हैरानी की बात तो यह है कि योगी जी के इस वादे से शिक्षक भर्ती के उम्मीदवारों में कुछ खास खुशी देखने को नहीं मिल रही है क्योंकि योगी जी का यह वादा नया नहीं है. राम राज्य वाली सरकार के मुखिया इससे पहले भी 1 सप्ताह वाला निर्देश दे चुके हैं. शिक्षक भर्ती को लेकर जब भी बड़ा आंदोलन हुआ तब योगी जी ने अधिकारियों को 1 सप्ताह में भर्ती को पूरा करने का निर्देश दिया, लेकिन योगी जी एक सप्ताह-एक सप्ताह करते रह गए और शिक्षक नियुक्ति के लिए भटकते...
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ट्विटर पर उम्मीदवारों के ट्वीट्स पढ़ रहा था, किसी के अंदर सरकार के फैसले पर खुशी नहीं दिखी. अधिकतर उम्मीदवार योगी जी के वादे को जुमला बता रहे हैं. युवा एक सप्ताह वाले निर्देश को मजाक के तौर पर ले रहे हैं. लेकिन आखिर क्यों यूपी के युवा योगी जी के 1 सप्ताह वाले निर्देश को मजाक बता रहे हैं?
3 मार्च, 2020 को हाईकोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद योगी सरकार ने भर्ती को एक सप्ताह में पूरा करने का निर्देश दिया था. एक उम्मीदवार मृदुला के ट्वीट को देखिए. इस ट्वीट को पढ़ने के बाद आप जान जाएंगे कि योगी जी के वादों पर यूपी की जनता को कितना भरोसा है...
मृदुला ट्वीट कर लिखती हैं, ''सीएम योगी आदित्यनाथ की अब जुमलेबाजी नहीं चलेगी युवाओं की आवाज अब नहीं दबेगी, कोई भी पैतरा आजमा लें यूपी गवर्नमेंट, अब काम करना होगा. पहले से लंबित भर्ती पूरी करें.''
#काला_कानून_संविदा_वापस_लो #काला_कानून_संविदा_वापस_लो #69k_SelectedWantsJoining #69k_SelectedWantsJoining @CMYogiAdityaNat की अब जुमले बजी नही चलेगी युवाओं की आवाज अब नही दबेगी कोई भी पैतरा आजमाले @UPGovt अब काम करना होगा पहले से लंबित भर्ती पूरी करे। @Aamitabh2 @HansrajMeena pic.twitter.com/aytbxiB3Ur
— मृदुला द्विवेदी (@2R9YcRfQJTo5fOV) September 18, 2020
भर्ती की उम्मीदवार उपासना ट्वीट कर कहती हैं, '' एक वर्ष में दो तिथि दी गई नियुक्तिपत्र के लिए एक 15 फरवरी दूसरी 6 जून. अब दोबारा झूठ का लॉलीपाप क्यों युवाओं को दे रहे हैं.''
#69K_योग्य_शिक्षक_बेरोजगार 1वर्षों में दो तिथि दी गई नियुक्तिपत्र के लिए एक 15फरवरी दूसरी 6जून।अब दोबारा झूठ का लॉलीपाप क्यों युवाओं को दे रहे हैं ।
— UPASANA upadhyay (@UPASANAUpadhy10) September 18, 2020
1हफ़्ते में नियुक्ति का।वादा किया गया था #69000_शिक्षक_भर्ती 😥#69k_SelectedWantsJoining#काला_कानून_संविदा_वापस_लो
इन ट्वीट्स से साफ हो जाता है कि युवाओं में सरकार के प्रति भारी नाराजगी तो है ही साथ ही भरोसा रत्ती भर नहीं और हो भी कैसे एक सप्ताह वाला वादा कभी पूरा हुआ ही नहीं. हर बार योगी जी ऐलान किए हैं और हर बार अखबारों ने पहले पन्ने पर उसका प्रचार किया है, लेकिन जमीनी हकीकत की बात किसी ने नहीं की. युवाओं का दर्द किसी ने नहीं समझा, और शायद यही वजह है कि छात्रों को योगी जी का एक सप्ताह वाला निर्देश मजाक लगता है.
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