जहां एक और आज महान इंजीनियर एम विश्वेश्वरैया की जयंती पर देश इंजीनियर्स डे मना रहा है, वहीं दूसरी और इंजीनियरिंग के छात्र नौकरी के लिए दर दर भटक रहे हैं. आज इंजीनियर्स डे के मौके पर इंजीनियरिंग के छात्र वैकेंसी, रिजल्ट और नियुक्ति के लिए ट्विटर पर आंदोलन करते नजर आ रहे हैं. मध्य प्रदेश में 3 साल से असिस्टेंट इंजीनियर की वैकेंसी नहीं आई. वहीं, राजस्थान में AEN भर्ती परीक्षा का रिजल्ट अब तक जारी नहीं हो सका. इसके अलावा बिहार में बीपीएससी असिस्टेंट इंजीनियर के उम्मीदवारों का रिजल्ट कोर्ट में मामला अटक जाने के कारण जारी नहीं किया गया. आज इन सभी इंजीनियरिंग के छात्रों ने मिलकर इंजीनियर्स डे पर #SpeakUpForEngineers ट्रेंड करवाया. आज अगर एम विश्वेश्वरैया हमारे बीच होते तो शायद इस दिन का बहिष्कार कर देते, क्योंकि शायद वे इंजीनियरिंग के इन छात्रों की दुर्दशा को नहीं देख पाते. वे बिहार में रिजल्ट की मांग करते हुए इंजीनियरिंग के छात्रों को लाठी खाते नहीं देख पाते. वे एक रिजल्ट न जारी कर पाने वाली सरकार के नेताओं के इंजीनियर्स डे पर किए गए दिखावटी लिखावट के ट्वीट को नहीं देख पाते...
एक छात्र इंजीनियर बनने के लिए क्या क्या नहीं करता.12वीं में PCM लेता है. फिर JEE Main जैसे टफ एग्जाम निकालता है. बड़े इंजीनियरिंग कॉलेज में लाखों की फीस देकर एडमिशन लेता है. 4 साल दिन रात खुद को पढ़ाई में झोक देता है. लेकिन सबसे बड़ी गलती वह इंजीनियरिंग करने के बाद सरकारी नौकरी का सपना देखने की करता है. वह सोचता है कि सरकारी परीक्षा पास करके अपने देश के विकास के लिए काम करेगा. वह सोचता है कि वह बड़े बड़े फ्लाइवओवर बनाएगा, बड़ी बड़ी इमारतों के निर्माण में अपना योगदान देकर देश को विकास के पथ पर ले जाएगा. लेकिन उस छात्र की गलती की शुरुआत यही से होती जब वह यह सब सोच कर बीपीएससी, आरपीएससी और अन्य सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने में लग जाता है और उसका एग्जाम भी दे देता है. सालों तैयारी के बाद वह छात्र एग्जाम तो दे देता है लेकिन तैयारी जितना समय ही उसे रिजल्ट के इंतजार में गवाना पड़ता है. मां-बाप के सर पर चढ़े एजुकेशन लोन और घर की अन्य जिम्मेदारियों में पिस्ता वह छात्र डिप्रेशन का शिकार होने लगता है और अंत में वह अपने अक की लड़ाई के लिए कोरोना काल में ट्विटर पर आंदोलन करने लग जाता है...
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यही कहानी है आज के इंजीनियरिंग के छात्र की. मैं कहता हूं, इंजीनियर्स डे मना रही सरकारें अपने राज्य के छात्रों को आज के दिन रोजगार की सौगात क्यों नहीं देती? क्या सत्ता में बैठे नेताओं के लिए इंजीनियर्स डे का महत्व बस ट्विटर तक सीमित है? सरकारें आयोग को निर्देश देकर छात्रों के रिजल्ट समय पर क्यों नहीं निकलवाती, आज के इस खास दिन पर इन्हें नियुक्ति क्यों नहीं देती? इन सारे सवालों के जवाब तो मिलने से रहे क्योंकि ट्विटर पर इंजीनियर्स डे की बढ़ाई दे रहे नेताओं को #SpeakUpForEngineers नहीं दिखा होगा और अगर दिखा होगा भी तो उसे इग्नोर कर दिया गया होगा, क्योंकि छात्रों के ये आंदोलन नए नहीं है, छात्रों को आंदलोन करने और सरकारों को इन्हें इग्नोर करने की आदत सी पड़ गई है....
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