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ब्लॉग: नौकरियों को खत्म करने की जगह सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को स्थगित क्यों नहीं करती सरकार?

Archit Gupta

नई दिल्ली 05 Sep, 2020 01:01 pm

कोरोना ने अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचाया है. सरकार की वित्तीय स्थिति नाजुक है, ऐसे में केंद्र सरकार ने खर्ज कम करने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं. सरकार ने नए पदों के सृजन पर रोक लगाने का फैसला किया है, लेकिन कुछेक मामलों में व्यय विभाग की अनुमति से नए पदों का सृजन किया जा सकता है. सरकार के इस फैसले से करोड़ों युवाओं को झटका लगा है. रेलवे, एसएससी और केंद्र सरकार की अन्य भर्तियों की लचर प्रक्रिया से देश का युवा पहले ही परेशान हैं, ऐसे में नए पदों के सृजन पर रोक लगाए जाने के फैसले से करोड़ो युवाओं में नाराजगी देखने को मिल रही है. रेलवे और एसएससी के करोड़ों उम्मीदवार आज हैशटैग #speakup और #rrbexamdates ट्रेंड करवा रहे हैं. जहां एक तरफ सरकार कोरोना काल में सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर करोड़ों रुपये खर्च करने जा रही है.

वहीं, दूसरी ओर सरकार ने खर्ज कम करने के लिए नई वैकेंसी पर रोक लगा दी. अप्रैल में कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखकर आग्रह किया था कि कोरोना संकट को देखते हुए सरकारी खर्च में 30 फीसदी की कटौती और 'सेंट्रल विस्टा' परियोजना को स्थगित किया जाए. पत्र लिखकर सोनिया गांधी ने यह भी सुझाव दिया कि राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रियों और नौकरशाहों के विदेश दौरों को स्थगित करने की जरूरत है. इस पत्र में उन्होंने लिखा कि सरकारी विज्ञापनों पर भी रोक लगाने की जरुरत है. 

बता दें कि दिल्ली में सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास पर 20,000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जाएगी. नए संसद भवन का निर्माण जिस जमीन पर किया जा रहा है यह पार्क बनाने के लिए छोड़ा गया था. अब 9.5 एकड़ इस जमीन पर संसद भवन का निर्माण किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री आवास और पीएमओ को साउथ ब्लॉक के पास शिफ्ट किया जा सकता है. इसके साथ ही उपराष्ट्रपति का नया घर नॉर्थ ब्लॉक के आसपास हो सकता है. इसके अलावा यह भी बताया जा रहा है कि पीएम आवास और कार्यालय दोनों काफी करीब होगा. सेंट्रल विस्टा रीडेवलेपमेंट प्रोजेक्ट के तहत उपराष्ट्रपति आवास समेत लुटियंस दिल्ली की कई बिल्डिंग को तोड़ा जाएगा.

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हैरानी की बात यह कि कोरोना के इस संकट में जहां सरकार को खर्च कम करने चाहिए, वहां सरकार नई इमारतों के निर्माण में करोड़ों रुपये खर्च करने जा रही है. जहां एक और देश का युवा रोजगार के लिए भटक रहा है, नौकरी के लिए दिन रात ट्विटर पर ट्वीट कर रहा है. वहीं, दूसरी और सरकार देश की अर्थव्यवस्था को सभालने के लिए नए पदों के सृजन पर रोक लगा कर बेरोजगार युवाओं के रोजगार का रास्ता बंद कर रही है. क्या अर्थव्यवस्था को बचाने और खर्चों को कम करने के लिए सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर रोक नहीं लगाई जा सकती? एक तरफ प्रधानमंत्री देश को आत्मनिर्भर बनाने की बात करते हैं, और दूसरी तरह वैकेंसी पर रोक लगा देते हैं. आखिर बिना रोजगार के देश का युवा आत्मनिर्भर कैसे बन सकता है? क्या सरकार अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए नौकरियों को खत्म करने की जगह सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को स्थगित नहीं कर सकती?
 

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