हजारों किसान दिल्ली में आयोजित धरना-प्रदर्शन में शामिल होने के लिए मार्च कर रहे हैं. इस बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर (Manohar Lal Khattar) ने गुरुवार को पड़ोसी राज्य पंजाब में अपने समकक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt. Amrinder Singh) से लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ न करने और महामारी के दौरान घटिया राजनीति से बचने की अपील की है.
आपको बता दें कि अंबाला में लगाए गए बैरिकेड को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारी किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और ठंडे पानी की बौछारें फेंकी.
किसानों के प्रदर्शन के मद्देनजर खट्टर ने एक बाद एक कई ट्वीट किए. अपने पहले ट्वीट में उन्होंने लिखा, "आपके झूठ, धोखेबाजी और प्रॉपगैंडा के खत्म होने का समय आ गया है. लोगों को आपका असली चेहरा देखने देना चाहिए. कोरोना महामारी में लोगों की जिंदगियों को खतरे में न डालें. मैं आपसे विनती करता हूं कि लोगों की जिंदगियों से न खेलें. कम से कम महामारी के इस दौर में घटिया राजनीति से तो बचें."
Time for your Lies, Deception and Propaganda is over - let the people see your real face. Please stop putting the lives of people in danger during the Corona pandemic. I urge you to not play with the lives of the people - atleast avoid cheap politics during the time of pandemic.
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 26, 2020
खट्टर ने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "मैं पिछले तीन दिनों से आपसे संपर्क साधने की कोशिश कर रहा हूं, लेकिन दुखद है कि आपने तय कर लिया है कि आप संपर्क नहीं होने देंगे. तो क्या इस तरह आप किसानों के मुद्दे पर इतने गंभीर हैं? आप सिर्फ ट्वीट कर रहे हैं और बातचीत से भाग रहे हैं, क्यों?"
एक अन्य ट्वीट में खट्टर ने राजनीति से संन्यास लेने की बात कहते हुए लिखा, "मैंने पहले भी कहा है और फिर कह रहा हूं. अगर एसपी पर कोई बाधा आई तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा. इसलिए मासूम किसानों को भड़काना बंद करें."
.@capt_amarinder ji, I've said it earlier and I'm saying it again, I'll leave politics if there'll be any trouble on the MSP - therefore, please stop inciting innocent farmers.
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 26, 2020
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने दिल्ली मार्च के लिए आगे बढ़ते हुए किसानों को "बलपूर्वक" रोके जाने पर हरियरणा सरकार की निंदा की थी. सीएम ऑफिस द्वारा जारी की गई आधिकारिक विज्ञप्ति में किसानों को रोके जाने की जरूरत पर सवाल उठाया गया है. इसी के साथ अमरिंदर सिंह ने खट्टर सरकार से अपील की थी कि वे किसानों को राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने दें. उन्होंने यह भी कहा था कि प्रदर्शन करने के किसानों के संवैधानिक अधिकार को कुचला जा रहा है.
इसी के साथ अमरिंदर सिंह ने पंजाब के किसानों पर हरियाणा पुलिस के "निर्मम बर्ताव" की भी आलोचना की थी, जिसके तहत उन पर आंसू गैस और पानी की बौछारें छोड़ी गईं. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार हरियाणा के किसानों को भी उनके गांवों से बाहर नहीं निकलने दे रही है.
उन्होंने सवाल उठाते हुए पूछा था, "एमएल खट्टर सरकार किसानों को दिल्ली जाने से क्यों रोक रही है? किसानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन को निर्ममता और बलपूर्वक रोकना पूरी तरह से अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है. जो हाथ देश का पेट भरते हैं उसे थामा जाना चाहिए न कि उन्हें किनारे धकेलना चाहिए. पंजाब में पिछले दो महीने से किसान बिना किसी परेशानी से शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं. क्यों हरियाणा सरकार उनके खिलाफ बल प्रयोग कर उन्हें भड़का रही है? क्या किसानों के पास शांति के साथ सार्वजनिक हाईवे से गुजरने का अधिकार नहीं है?"
गौरतलब है कि केंद्र के 3 कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसाना 'दिल्ली चलो' के तहत राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे हैं. जहां सरकार का कहना है कि इन तीन कानूनों की बदौल बिचौलियों की भूमिका खत्म हो जाएगी और किसान सीधे बाजारों में अपने खाद्यान्न बेच सकेंगे. लेकिन किसानों को डर है कि इससे सरकार तय कीमतों पर अनाज नहीं खरीदेगी और उनको समय पर पैसे भी नहीं मिलेंगे.
नए किसान कानून में सरकार ने जिस व्यवस्था को जोड़ा है. उसमें कारोबारी किसान से मंडी के बाहर अनाज खरीद सकता है. अभी तक मंडी में किसान से अनाज की खरीद पर व्यापारी को 6 से 7 प्रतिशत का टैक्स देना होता था. वहीं मंडी के बाहर अनाज की खरीद पर किसी भी तरह का कोई टैक्स नहीं देना होगा. इससे आने वाले समय में मंडियां पूरी तरह से खत्म हो जाएंगी और किसान सीधे तौर पर व्यापारियों के हवाले होगा. उसे उनकी फसल पर तय दाम से ज्यादा या कम भी मिल सकता है.
आपको बता दें कि किसान संसद द्वारा पारित कृषक उत्पाद व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सरलीकरण) कानून 2020 (The Farmers’ Produce Trade and Commerce (Promotion and Facilitation) Act, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) अनुबंध कानून 2020 (The Farmers (Empowerment and Protection) Agreement of Price Assurance and Farm Services Act, 2020) और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 (Essential Commodities (Amendment) Act 2020) का विरोध कर रहे हैं.
किसानों को रोकने के लिए रोहतक-झज्जर बॉर्डर, सिंघू बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर), दिल्ली-गुड़गांव और करनाल के करना लेक के पास दिल्ली-जम्मू हाईवे पर भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.
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