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दिल्‍ली सकरार का फैसला, 3 से 8वीं तक के स्‍टूडेंट्स की नहीं होगी परीक्षाएं

TLB Desk

नई द‍िल्‍ली 25 Feb, 2021 12:46 pm

मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार ने फैसला किया है कि दिल्ली में क्‍लास 3 से 8 तक पढ़ने वाले छात्रों को वार्षिक परीक्षाएं नहीं देनी होंगी. केजरीवाल सरकार ने यह फैसला दिल्ली के सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले स्‍टूडेंट्स के लिए किया है. सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में तीसरी से आठवीं तक के छात्रों की परीक्षा नहीं होगी. 'नो डिटेंशन पॉलिसी' के तहत इन स्‍टूडेंट्स को अगली कक्षाओं में प्रमोट किया जाएगा.

दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय का कहना है कि तीसरी से आठवीं तक के स्‍टूडेंट्स का मूल्यांकन 100 अंकों के आधार पर होगा. स्कूल स्‍टूडेंट् को 1 से 15 मार्च के बीच प्रोजेक्ट कार्य देंगे. प्रोजेक्ट के अंकों के साथ-साथ छुट्टियों में दिए गए काम और वर्कशीट के अंक भी मूल्यांकन में जोड़े जाएंगे.

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के कारण पिछले लगभग 1 साल से इन छात्रों के स्कूल बंद हैं. पिछले साल मार्च के बाद से अभी तक स्‍टूडेंट्स के लिए कोई भी ऑफलाइन क्लास आयोजित नहीं की जा सकी है. ऐसे में दिल्ली सरकार ने ऑफलाइन या ऑनलाइन वार्षिक परीक्षाएं न लेने का फैसला किया है. साल 2020 में भी इसी आधार पर बच्चों को अगली कक्षाओं में भेजा गया था. शिक्षा निदेशालय ने इसके दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं. शिक्षा निदेशालय के मुताबिक स्‍टूडेंट्स का मूल्यांकन विषय के मुताबिक प्रोजेक्ट और वर्कशीट के आधार पर होगा.

दिल्ली सरकार के इस फैसले के बाद अभिभावकों ने सरकार के फैसले पर संतोष जताया है.अखिल भारतीय अभिभावक संघ के अध्यक्ष अशोक अग्रवाल ने कहा, "हम दिल्ली सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं, लेकिन इसमें अभी और सुधार की आवश्यकता है. आठवीं तक के छात्रों के अलावा 9वीं और 11वीं के छात्रों के लिए भी सरकार को यही पॉलिसी अपनानी चाहिए. कोरोना के कारण छोटी कक्षाओं में पढ़ने वाले दिल्ली के सभी छात्र स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में यह नियम प्राइवेट स्कूल के छात्रों पर भी लागू होने चाहिए. फिलहाल दिल्ली सरकार ने अपना यह फैसला सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों तक सीमित रखा है."

शिक्षा निदेशालय के मुताबिक वार्षिक परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी. कोरोना के मद्देनजर वैकल्पिक शिक्षा पद्धति का प्रभाव जानने के लिए प्रोजेक्ट और वर्कशीट के आधार पर यह मूल्यांकन होगा. इससे निदेशालय को अगले सत्र के लिए रणनीति बनाने में मदद मिलेगी.

सरकारी स्कूलों को अंक अपलोड करने के लिए 15 से 25 मार्च तक का समय दिया गया है. स्कूल छात्रों को केवल ग्रेड देंगे. मूल्यांकन के बाद रिजल्ट 31 मार्च को घोषित किए जाएंगे. हालांकि रिजल्ट लेने के लिए छात्रों को स्कूल नहीं जाना पड़ेगा.

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