उत्तर प्रदेश में बढ़ते कोरोना संक्रमण और उसके चलते खराब हो रहे हालात को देखते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को लखनऊ सहित पांच सर्वाधिक प्रभावित शहरों में 19 अप्रैल से 26 अप्रैल तक लॉकडाउन का निर्देश दिया है. लेकिन यूपी सरकार ने कहा कि राज्य के शहरों में सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं किया जा सकता है. प्रयागराज में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान हाईकोर्ट ने लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन का निर्देश दिया है.
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार ने निर्देश दिया है कि 19 अप्रैल से लखनऊ, प्रयागराज, कानपुर नगर, वाराणसी और गोरखपुर में लॉकडाउन करें. इसके बाद मामले की अगली सुनवाई 26 अप्रैल को होगी.
उधर, सरकार ने कहा, "आज उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में यूपी सरकार के प्रवक्ता ने अवगत कराया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक है. सरकार ने कई कदम उठाए हैं, आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है. अत: शहरों में सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा, लोग स्वत: स्फूर्ति के भाव से कई जगह बंदी कर रहे हैं."
आपको बता दें कि कोविड को लेकर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अपने 15 पेज के निर्देश में राज्य सरकार से कहा है कि 26 अप्रैल तक पांच शहरों में सभी तरह की गतिविधियों (आवश्यक सेवाओं को छोड़कर) पर रोक लगा दें. हाईकोर्ट राज्य सरकार को पूरे प्रदेश में 15 दिन के लॉकडाउन पर विचार करने को भी कहा है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट 20, 22, 23 और 24 अप्रैल को बंद रहेगा, इस दौरान हाईकोर्ट की मुख्य बेंच इलाहाबाद और लखनऊ बेंच में मुकदमों की सुनवाई नहीं होगी. इस दौरान फिजिकली और-ई फाइलिंग से मुकदमों का दाखिला नहीं होगा. प्रदेश में कोविड के बढ़ते मामलों को देखते हुए संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया है. 26 अप्रैल को केवल अर्जेंट मामलों की वीडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई होगी.
इससे पहले भी कोर्ट ने यूपी सरकार को लॉकडाउन का सुझाव दिया था. इसके बाद ही यूपी सरकार ने प्रदेश के 12 अति प्रभावित जिलों में नाइट कर्फ्यू लगाया था. हालांकि बाद में स्थानीय जिला प्रशासन के निर्देशों के बाद प्रदेश के 25 जिलों में नाइट कर्फ्यू चल रहा है.
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