प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों से आंदोलन (Kisan Andolan) खत्म करने की अपील की है. पीएम मोदी ने किसानों से मिल बैठकर चर्चा पर जोर दिया है. प्रधानमंत्री ने इसमें विपक्ष का भी सहयोग मांगा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्य सभा को संबोधित किया और तीनों कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा, "हमें सुधारों को मौका देना चाहिए. एक बार देखना चाहिए कि कोई लाभ होता है या नहीं. अगर कोई कमी होगी तो आगे ठीक की जाएगी."
पीएम ने अपील करते हुए कहा, "हमें आंदोलनकारियों को समझाते हुए देश को आगे ले जाना होगा. आओ मिलकर चलें. कृषि मंत्री लगातार किसानों से बातचीत कर रहे हैं. और अभी तक कोई तनाव पैदा नहीं हुआ है. एक-दूसरे को बात समझाने का प्रयास चल रहा है. हम लगातार आंदोलन से जुड़े लोगों से प्रार्थना कर रहे हैं कि आंदोलन खत्म करिए और मिल बैठकर चर्चा करते हैं."
Speaking in the Rajya Sabha. https://t.co/lepprXZ8Ak
— Narendra Modi (@narendramodi) February 8, 2021
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "ये बात निश्चित है कि हमारी खेती को खुशहाल बनाने के लिए फैसले लेने का ये समय है. इस समय को हमें गंवा नहीं देना चाहिए. हमें देश को पीछे नहीं ले जाना चाहिए. पक्ष हो या विपक्ष, इन सुधारों को हमें मौका देने चाहिए. एक बार देखना चाहिए कि इन परिवर्तन से लाभ होता है या नहीं. कोई कमी है तो ठीक करेंगे, कहीं ढिलाई है तो उसे कसेंगे."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब भी नई चीज आती है तो असमंजस की स्थिति होती है. हरित क्रांति के समय जो कृषि सुधार हुए, तब भी आशंकाएं हुईं, सख्त फैसले लेने के दौर में तत्कालीन प्रधानमंत्री शास्त्री का हाल ये था कि उनकी सरकार में कोई कृषि मंत्री बनने को तैयार नहीं था. लेकिन, देश की भलाई के लिए शास्त्री आगे बढ़े. तब भी आरोप लगे थे कि अमेरिका के इशारे पर शास्त्री जी ये कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "रिकॉर्ड उत्पादन के बावजूद हमारे कृषि क्षेत्र में समस्याएं हैं. इनका समाधान हम सबको मिलकर करना है. हर कानून में दो, पांच साल के बाद सुधार करने ही पड़ते हैं. जब अच्छे सुझाव आते हैं तो अच्छे सुधार होते हैं. यही लोकतंत्र की परंपरा है."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एमएसपी खत्म नहीं होगा और मंडिया पहले से कहीं ज्यादा आधुनिक बनेंगी. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा का जवाब देते हुए कहा, "मैं सदन को विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और आधुनिक होंगी. एमएसपी थी, है और रहेगी. 80 करोड़ से अधिक लोगों को सस्ते में राशन मिलता रहेगा. हमारे कृषि मंत्री ने बहुत अच्छे ढंग से चर्चा की है."
इस दौरान पीएम ने विपक्ष से कहा कि मेहरबानी कर देश में भ्रम न फैलाएं. उन्होंने कहा, "हमें तय करना होगा कि हम समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं कि समाधान का हिस्सा बनने चाहते हैं. समस्या का हिस्सा बनने पर राजनीति तो चल जाएगी, लेकिन समाधान का माध्यम बनते हैं तो राष्ट्रनीति को चार चांद लग जाता है. हम नीतियों को भी बदलेंगे और परिणाम भी प्राप्त कर सकेंगे."
पीएम मोदी के आंदोलन खत्म करने के बयान पर अब भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि भूख पर व्यापार नहीं होना चाहिए. ऐसा करने वालों को बाहर निकाल दिया जाएगा.
पीएम के बातचीत के प्रस्ताव पर राकेश टिकैत ने कहा, "अगर वो बातचीत करना चाहते हैं, तो हम तैयार हैं. लेकिन हमारा पंच भी वही है और मंच भी वही है. इन बिलों को वापस लेकर, MSP पर कानून बनाना चाहिए. सरकार 15 संशोधन करना चाहती है, पहले उन्हें निकाल लें और फिर आगे की बात भी कर ली जाएगी."
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