उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (Trivendra Singh Rawat) ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने मंगलवार की शाम राज्यपाल बेबी रानी मौर्या को अपना इस्तीफा सौंपा. मंगलवार सुबह से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि मुख्यमंत्री अपना इस्तीफा सौंप सकते हैं. राज्यपाल से मुलाकात से पहले रावत की ओर से एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करने की उम्मीद भी जताई जा रही थी. हालांकि 60 वर्षीय रावत ने मीडिया से बातचीत करने से पहले ही मौर्या से मुलाकात कर अपना त्यागपत्र सौंप दिया.
इस्तीफे के बाद त्रिवेंद्र सिंह रात ने कहा, मैं कई सालों से राजनीति में हूं और मेरी पार्टी ने मुझे चार सालों तक राज्य का मुख्यमंत्री बने रहने का मौका दिया. ये साल मेंरी जिंदगी के स्वर्णिम साल थे. ग्रामीण पृष्ठभूमि से आने के बावजूद मुझे राज्य का नेतृत्व संभालने की जिम्मेदारी दी गई. ऐसा सिर्फ बीजेपी जैसी पार्टी में ही संभव है. अब पार्टी ने संयुक्त रूप से किसी और नेता को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देने का फैसला किया है."
यह पूछे जाने पर कि उन्हें हटाए जाने के क्या कारण हो सकते हैं, त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा, "मैं आपको बताया न कि यह पार्टी का संयुक्त फैसला है."
जब इस बारे में और पूछा गया तो उन्होंने कहा, "ये पता लगाने के लिए आपको दिल्ली जाना होगा."
बहरहाल, तीन दिन की राजनीतिक उठापटक के बाद, उनके इस्तीफे के साथ ही राज्य में अब जाकर अटकलें समाप्त हुई हैं, क्योंकि रावत ने आखिरकार राजभवन पहुंचने के बाद मौर्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया. एक वरिष्ठ पार्टी नेता ने कहा कि राज्य का नया मुख्यमंत्री चुनने के लिए बीजेपी विधायक दल बुधवार सुबह बैठक करेगा.
उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायक दल में असंतोष के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा निर्देशित किए जाने के बाद रावत ने अपना इस्तीफा सौंपा है.
उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को केंद्रीय नेतृत्व के साथ उनकी बैठक के बाद, ऐसा लगता है कि बीजेपी नेतृत्व ने रावत को उत्तराखंड सरकार में नेतृत्व के संभावित बदलाव के बारे में सूचित किया है, क्योंकि उनके खिलाफ बहुत नाराजगी है."
सोमवार शाम को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष ने पहाड़ी राज्य के राजनीतिक विकास पर चर्चा की थी.
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव और राज्य प्रभारी दुष्यंत गौतम चर्चा का हिस्सा थे. कई विधायकों द्वारा रावत की कार्यशैली पर सवाल उठाने के बाद बैठक बुलाई गई थी.
उत्तराखंड के एक पार्टी सदस्य ने कहा, "नौकरशाही अधिक शक्तिशाली हो रही है और निर्वाचित प्रतिनिधियों की आवाज नहीं सुनी जा रही है."
बीजेपी नेतृत्व ने शनिवार को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और गौतम को पर्यवेक्षकों के रूप में राज्य के नेताओं से मिलने और प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए भेजा था.
पार्टी के एक अंदरूनी सूत्र ने कहा, "दोनों नेताओं ने कोर कमेटी के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी राय ली. बीजेपी नेतृत्व को रिपोर्ट सौंपी गई है."
उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की जीत के बाद 2017 में रावत को मुख्यमंत्री बनाया गया था.
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